संदेश
संघशक्ति होती विजय - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
उषा नयी स्वागत करें , नया जोश नव सोच। मातु पिता पद वन्दना , नमन गुरु पद लोच।। चित्त धरूँ हरि पद चरण , माँगू मैं वर…
क्या नारी की प्रकृति हैं ये आंसू? - कविता - दिनेश कुमार मिश्र "विकल"
सुख में आंसू दुख में आंसू। मानव -जीवन में आंसू। क्या नारी की प्रकृति है ये आंसू? पल में तोला पल में माशा। पल में आशा पल में निर…
तुम ही हो - कविता - गौतम कुमार कुशवाहा
तुम ही अरमान हो मेरी , तुम ही जान हो मेरी। तुम ही दुश्मन,तुम ही दोस्त, तुम ही सारा जहान हो मेरी।। मेरे आँखों का ता…
आत्मज्ञान - कविता - शेखर कुमार रंजन
खुद को खुद ढूंढ़ो और खुद को खुद से मिलाओ जीवन में उलझन है बहुत जीवन को सुलझाओ। सहजता और सरलता से खुद को परखते जाओ जीवन से जीवन…
इम्यूनिटी बढ़ने से हारेगा कोरोना - लेख - सुषमा दिक्षित शुक्ला
इम्युनिटी मजबूत होने से कोरोना वायरस का अटैक निष्प्रभावी हो जाएगा। यह सच है कि बेहतर इम्यूनिटी कोरोना वायरस को समाप्त कर सकती है।…
अरुणिम आभा हो पुनः - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
नवप्रभात झकझोड़ता, आपद नित घनघोर। कोरोना ललकारता , मौत खड़ी चहुँओर।।१।। दिल्ली की हालत बुरी , शासन नहीं विचार।…
फूलों की डगर में पत्थर बरसते हैं - कविता - दिनेश कुमार मिश्र "विकल"
पत्थरों के शहर में पत्थर बरसते हैं। फूलों की डगर में सुगंधी महकते हैं। जिंदगी के सफर में हमराही मिलते हैं। उनसे ही डगर में पत्थ…
क्यूँ जिंदगी की बंदगी - नज़्म - सुषमा दीक्षित शुक्ला
जो एक दिन ठोकर लगाती, वह जिंदगी है बेवफा । गले मिलकर साथ जाती, मौत ही वह दिलरुबा । पर मौत को नफरत मिले , बस प्यार पाए जि…
आत्मबल - कविता - शेखर कुमार रंजन
आज चलो हम प्रण ले अपनी मंजिल को पाने की मेहनत करते चलेंगे हरदम डर नहीं कुछ खो जाने की। आँखों में मंजिल दिखती है रास्ता खुद बना…
है धवल चाँद मुरझाया सा - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
चाँद मौन बना आकाश में , शीतल चन्द्रिका मलिन हुई। शोकाकुल देख निशाचर को, निशिचन्द्र प्रिया निशि पिघल…
हत्या या एक्सीडेंट - लघुकथा - दिलशेर "दिल"
रेलवे क्रोसिंग बन्द होने की वजह से गाड़ियों की काफी लंबी कतार लग चुकी थी, मुझे बहुत तेज़ी थी मैंने अपनी गाड़ी और गाड़ियों को ओवरटेक करत…
अपना ही हमसफर जीवन मे साथ निभाये - कविता - चीनू गिरि
अपना ही हमसफर जीवन मे साथ निभाये , दूसरो के हमसफर मे ना हमसफर खोजिये! इंसान नही गलत होता हालात गलत होते है , उसे बेवफा कहने से …
तेरी औकात बता गया कोई - ग़ज़ल - अशोक योगी शास्त्री
सोए हुए मेरे ख्वाबों में आ गया कोई मुद्दतों बाद मेरे जज़्बातों को जगा गया कोई। डूबे हैं कई बेगुनाह दरिया -ए- हयात…
था मैंने तेरा बिगाड़ा क्या? - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
ऐ! जगवालों ये दर्द हमारा , रो रोकर तुम्हे सुनाती हूँ । मैं गर्भवती हथिनी निरीह , संसार त्याग अब जाती हूँ । ऐ! मानव तू दानव…
आत्मरक्षा - कविता - शेखर कुमार रंजन
जिंदगी एक शतरंज सा हो गया है ग़ालिब सीधी चलती प्यादा भी पास आने पर टेढ़ी चाल चल जाती है। मैं अपनी वज़ीर को बचाने में लगा रहा और वह …
नैन ईश उपहार हैं - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
नैन अनोखा बावला , नैन नशीली धार। कजरारे इस नैन ने , पलकें करती वार।।१।। करते नित अठखेलियाँ ,…
इसलिए मौन हूँ - कविता - चीनू गिरि
इसलिए मौन हूँ! रिश्ते बने रहे सब की खुशी के लिए, इसलिए मौन हूँ ! खमोशी से देखना चाहती हुं कौन मेरा है, इसलिए मौन हूँ ! बात करते…
कोरोना से खुद को बचाते हुए कैसे बढ़ना है आगे - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
जब से कोरोना महामारी फैली है तब से अनेक देशों की इकोनामी यानी अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है। कोरोनावायरस के कारण पूरे विश्व को आर्थिक …
मेरे बगैर - कविता - नौशीन परवीन
रब ने हमारे रास्ते अलग कर दिये तो क्या वो हम से दूर हो गए तो क्या एक सवाल आज भी पूछता है दिल मुझसे किसी राह में किसी मोड़ पर ह…
आत्मनिर्भर - कविता - शेखर कुमार रंजन
यदि पिता के धन पर जीते हो, तो जीना अभी अधूरी है आत्मनिर्भर हो जाने पर ही जीवन समझो पूरी है। वैसाखियों पर चलने वाला ना जाने कित…
सोशल मीडियाः अभिशाप या वरदान - लघु निबंध - डॉ. राम कुमार झा ''निकुंज"
सोशल मीडिया अर्थात् सामाजिक प्रसार तंत्र या यों कहें विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की चौथी आँख। संचेतना संवेदना की अनवरत सजग सचेत अनवर…
मेरी आंखों ने ना जाने कैसे कैसे मंजर देखे है - कविता - चीनू गिरि
मेरी आंखों ने ना जाने कैसे कैसे मंजर देखे है गैरो का क्या,अपनो के हाथों मे खंजर देखे है एक जमीन के टुकडे के बंटवारे को लेकर …
विचार की शक्ति - कविता - रुपेश कुमार
मन में बहता रहता है विचार विचार बदलता है कर्म में, कर्म दर्शाता आपका व्यवहार जब मन में आए अच्छे विचार तो कर लो उसे तुरंत स्वीकार…
बेशक कोरोना से लोगों के विचारों मे परिवर्तन - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
कोरोना ने लोगों को बदल कर रख दिया है जबरदस्त परिवर्तन लाया है ये कोरोना। शायद कुदरत वर्तमान मानवीय प्रणाली को कुछ सिखान…
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