विचार की शक्ति - कविता - रुपेश कुमार

मन में बहता रहता है विचार
विचार बदलता है कर्म में,
कर्म दर्शाता आपका व्यवहार
जब मन में आए अच्छे विचार
तो कर लो उसे तुरंत स्वीकार 
बदल दो उसको कर्म में 
मत जाने दो उसे बेकार
मिलती है खुशी इसे अपनाने में
दिखलाता है यह अपना चमत्कार 
नामुमकिन को मुमकिन करता
मिलता है सब लोगों का प्यार
रखते लोग सर आंखों पर
देते हमेशा आपको  सत्कार।

पर जब मन में आए बुरे विचार 
तुरंत करो उस पर प्रहार
लडो तुम ना डरो तुम
हिम्मत बनेगा मददगार
दूर करो उसे अपने मन से
मत आने दो अगली बार वरना ,
यदि यह बदला कर्म में
बदल जाएगा आपका व्यवहार
हावी हो जाए जाएगा व्यभिचार
नफरत करेंगे सभी आपसे 
टूट जाएंगे रिश्तो के तार
हंसी खुशी से जीने वाले
बिखर जाएगा आपका परिवार
हो जाएंगे सब लोग दूर
झेलना पड़ेगा तिरस्कार
बड़े बुजुर्गों की तरफ से
मिल भी सकती है फटकार
 समाज के अन्य लोग भी 
करेंगे आपके साथ दुर्व्यवहार
एक बुरे विचार के कारण
होना पड़ेगा हमेशा शर्मसार।

यदि संतुलन बना पाए मन में
आश्रय देकर अच्छे विचार 
चल पाए इस पर जीवन में
बनकर एक अच्छे अदाकार
सुखमय कट जाएगा फिर तो 
तेरे जीवन की यह दिन चार
बन जाओगे तुम दुनिया में 
जीवन के एक सफल कलाकार ,
जीवन के एक सफल कलाकार।।

रुपेश कुमार - बेलसंड, सीतामढ़ी (बिहार)

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