संदेश
संस्कार - कहानी - रमेश चन्द्र यादव
फ़ोन की घंटी एक बार बजकर चुप हो गई थी, तभी दोबारा से फिर घंटी बजी। फ़ोन उठाते ही उधर से अनजान आवाज़ आई "पटवारी जी बोल रहे हैं?"…
चमेली - कहानी - भूपेंद्र सिंह रामगढ़िया
एक छोटे से शहर के एक सरकारी दफ़्तर में एक कोने में एक बेंच पर एक 60 वर्षीय बूढ़ा व्यक्ति रामलाल किसी चिंता में ध्यानमग्न सा बैठा था। उस…
कलयुगी विभीषण - कहानी - अंकुर सिंह
प्रेम बाबू का बड़ा बेटा हरिनाथ शहर में अफ़सर के पद पर तो छोटा बेटा रामनाथ सामाजिक कार्यों से अपने कुल परिवार की प्रतिष्ठा बढ़ा रहे थे। …
पार्क की चोरी - कहानी - डॉ॰ ममता मेहता
छनाक... छन छननन की आवाज़ आई, मैं समझ गया देश की भावी क्रिकेट टीम के भावी धुरंधर बल्लेबाजों ने अपना कमाल दिखा दिया है। मैं बाहर भागा। दे…
जो पीछे रह गए - कहानी - डॉ॰ अबू होरैरा
[1] दिल्ली हवाई अड्डे पर लोगों का हुजूम अड्डे से बाहर आ रहा था और जा रहा था। चूँकि राजधानी थी इसलिए भीड़ भी ज़्यादा थी। कोई किसी को देखक…
सलामती - कहानी - डॉ॰ अबू होरैरा
[1] साड़ी का कारोबार दिन-ब-दिन ठप्प होता जा रहा था। एक के बाद एक लूम बन्द होते जा रहे थे। मज़दूर बुनकर अपना हुनर छोड़, विवश होकर दूसरे रो…
रक्षाबंधन का तोहफ़ा - कहानी - राखी गौर
"अरे, अमित! रक्षाबंधन आ रहा है, दीदी से बात की क्या? कब तक आ रही है?" "ठीक है मॉं! मैं करता हूँ दीदी से बात।" &qu…
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
१ जुम्मन शेख़ और अलगू चौधरी में गाढ़ी मित्रता थी। साझे में खेती होती थी। कुछ लेन-देन में भी साझा था। एक को दूसरे पर अटल विश्वास था। जु…