संदेश
श्री कृष्ण वंदना - कविता - आर॰ सी॰ यादव
हे मधुसूदन हे बनवारी, जन-जन के हितकारी। हे योगेश्वर श्रीकृष्ण प्रभु, बाधा हरो हमारी॥ मनहर मोर मुकुट सिर शोभित, मुरली की धुन प्यारी। पा…
कृष्ण - कविता - सुनीता प्रशांत
कृष्ण तो बस कृष्ण थे सुंदर चितवन नंद नंदन थे बालक थे तो जैसे चंचल मन युवा वस्था जैसे वसुंधरा वसन स्मित हास्य हो जैसे हरित धरा आनन जैसे…
हाथी घोड़ा पालकी, मदन गोपाल की - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
देवकीनंदन वासुदेव नंद गोपाल यशोदा लाल की। ब्रज में कृष्ण कन्हैया आयो, सुखसागर जगपाल की। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की। यशोमती की ग…
ओह गिरधर! मुरली वाले - गीत - महेश कुमार हरियाणवी
तुम्हें नित नए रंग में पूजें, सब रूप-रूप से निराले। ओह! गिरधर मुरली वाले, मेरे गिरधर मुरली वाले। तेज़ ने तेरे विश्व हिलाया, देव, गुरु, …
अनुसरण कृष्ण का - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
शिथिल पाँव भोग के, विस्मरण भाव शोक के। कर्म से गति का अवसर, सम्यक ध्यान अहरहर। अनुसरण कृष्ण का। होली, अग्नि दहन ईर्ष्या का, उचित प्रयो…
कुछ तो हमारा भी हक़ है कन्हैया पे - गीत - श्याम सुन्दर अग्रवाल
कुछ तो हमारा भी हक़ है कन्हैया पे, फिर तू काहे मन ही मन जले राधा। चाहे तू कान्हा की बने पटरानी, हम भी तो दासी बन सकतीं हैं राधा। याद कर…
मेरी रख लो लाज मुरारी - कविता - अशोक योगी
मेरी रख लो लाज मुरारी, मैं चरणों की दासी हूँ थारी। पुष्प फलम् हैं न नैवेद्य, किस विध पूजा करूँ मैं थारी। समा लो मुझको तुझमें हे श्…
कृष्ण सुमंगल गान हैं - गीत - सुशील शर्मा
कृष्ण मधुर हैं कृष्ण सुवासित कृष्ण सुमंगल गान हैं। कृष्ण हैं जीवन कृष्ण जगत मन कृष्ण सर्व सम्मान हैं। कृष्ण यशोदा नन्द दुलारे नटखट…
क्यों नहीं कान्हा हमारे पास आते हो - गीत - सुशील कुमार
क्यों नहीं कान्हा हमारे पास आते हो। प्रेम की वंशी अधर से ना बजाते हो॥ राह मे जो तुम कभी माखन चुराते थे, साँझ के ढलते कभी वंशी बजाते…
जन्माष्टमी - कविता - डॉ॰ रेखा मण्डलोई 'गंगा'
भादो मास अष्टमी का दिन आया, पुष्प मालाओं से घर द्वार सजाया। जन्मदिवस मेरे कान्हा का आया, सबके मन में उमंग भर लाया। माखन चोर बनकर जो आय…
कृष्णमय जीवन - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
कृष्णमय जीवन की बोली, कूक रही कलाई की मोली। मीरा का प्याला, विरह की हाला। राधा की प्रतीक्षा, उद्धो की शिक्षा, गोपियों की अभीप्सा…
ब्रज का राज दुलारा - गीत - कमल पुरोहित 'अपरिचित'
इठलाए मैया की गोदी, ब्रज का राज दुलारा। ऐसा दृश्य मनोहर था, लगा आँख को प्यारा॥ चोरी-चोरी चुपके-चुपके, माखन खाते जाते, टुकुर टुकुर मै…
कृष्ण - गीत - उमेश यादव
प्रेम मगन मनमोहना, छवि प्रभु की प्यारी। दूर करो कष्ट सोहना, केशव गिरधारी॥ पग ठुमक ठुमक प्रभु चलिहें। पद नूपुर छूमक करि बजिहें॥ मन …
मैं कान्हा बोल रहा हूँ - कविता - अनूप अंबर
लोग मुझे कहते हैं कान्हा मुरलीधर श्याम, लेकिन मेरा जीवन था बिल्कुल न आसान। जन्म से पहले मेरी, मृत्यु के विधान बने, मेरे ख़ुद के मामा, म…
माँ देवकी की वेदना - कविता - शालिनी तिवारी
देवकी के सुन नैनों में फिर उठी, हुक कान्हा के दरस की, एक बार दिखला दे कोई झलक, एक हर बीते बरस की। पहले उसकी मुस्कान थी कैसी, कैसे आँखो…
दुर्योधन क्या बाँध पाएगा? - कविता - मयंक द्विवेदी
न बाँध सका जिसे कारागृह, न बाँध सके जिसे नंद अयन, न बाँध सके यशोदा सूत बंधन, न साध सके जिसे कंस भुजबल, दुर्योधन क्या कर पाएगा? प्रत्य…
आ भी जाओ श्याम - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
तुम बिन रहा न जाए अब, आ भी जाओ श्याम। तरस रही मुरली श्रवण, मैं राधे प्रिय वाम॥ तुम साजन माधव मदन, मैं राधे रति श्याम। केशव की कुसुम…
हरि वन्दना - गीत - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
जय हो तुम्हारी हे माधव मुरारी, जय हो सदा हे जग बलिहारी। सुमिरन तुम्हारी करता सदा हूँ, छाया में तुम्हारी रहता सदा हूँ। कितनी महिमा तुम्…
ओ मेरे साँवरे रे - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
रूप सलोने यशुमति कान्हा, ओ मेरे लला साँवरे रे। मनमोहन गिरिधर नागर तू, लावण्य रूप निहारे रे। लीलाधर बहुरुपिया कान्हा, नंदज तू राजद…
हरि आन बसो मोरे मन में - गीत - हिमांशु चतुर्वेदी 'मृदुल'
हरि आन बसो मोरे मन में। हरि तुम ही तो हो मोरे मन में॥ मथुरा खोजा, गोकुल खोजा, हर मंदिर में हर मूरत में। प्रभु जा के मिले निश्चल मन में…
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