संदेश
मैं रोग हूँ कि दवा हूँ कि इश्क़ हूँ दुआ हूँ - ग़ज़ल - रोहित सैनी
अरकान: मुफ़ाइलुन फ़यलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन तक़ती: 1212 1122 1212 22 मैं रोग हूँ कि दवा हूँ कि इश्क़ हूँ दुआ हूँ मैं कौन हूँ जो भटकता हूँ…
दिल में मेरे कोई भूचाल सा ठहर गया - ग़ज़ल - सुनील खेड़ीवाल 'सुराज'
अरकान: फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़े तकती: 22 22 22 22 22 2 दिल में मेरे कोई, भूचाल-सा ठहर गया, बस रह गया वो याद में, ख़्याल-सा…
तेरे बाद कुछ भी ना था - ग़ज़ल - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव 'जानिब'
अरकान: मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन फ़ेइलुन तक़ती: 2122 2122 2122 212 तेरे बाद कुछ भी ना था, दिल में फिर भी धड़कन रही, हर इक बात में तू…
वो जो हँसता था मेरा दर्द छुपाने के लिए - ग़ज़ल - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव 'जानिब'
अरकान: फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन तक़ती: 2122 2122 2122 2122 वो जो हँसता था मेरा दर्द छुपाने के लिए आज तनहा है उसी ग़म को…
काम ऐसा हो कि तकरार न हो - ग़ज़ल - निर्मल श्रीवास्तव
काम ऐसा हो कि तकरार न हो जीत हो ना हो मगर हार न हो ज़िंदगी मायने क्या रखती है ज़िंदगी में मिला जो प्यार न हो हुस्न को हुस्न कहा जाता है …
हम सुनाते दास्ताँ अपनी कि वो सुनाने लगे - ग़ज़ल - सुनील खेड़ीवाल 'सुराज'
अरकान: फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन तकती: 22 22 22 22 22 22 हम सुनाते दास्ताँ अपनी, कि वो सुनाने लगे हम करते आग़ाज़-ए-इश्क़,…
तेरे चेहरे पर मेरी हरकत रहती है - ग़ज़ल - कर्मवीर 'बुडाना'
अरकान: फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन तक़ती: 22 22 22 22 22 तेरे चेहरे पर मेरी हरकत रहती है यूँ मेरी आँखों में उल्फ़त रहती है धरती की…
हमनवाँ संग तेरे लम्हें ख़ुशगवार बन बैठे - ग़ज़ल - सुनील खेड़ीवाल 'सुराज'
अरकान: फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़े तकती: 22 22 22 22 22 22 2 हमनवाँ संग तेरे, लम्हें ख़ुशगवार बन बैठे दिल तुमसे लगा, ख़…
बात मन की कभी तो बताया करो - ग़ज़ल - डॉ॰ आदेश कुमार पंकज
बात मन की कभी तो बताया करो दर्द दिल में छिपा मत सताया करो हो अकेले कभी मम ज़रूरत पड़े पास अपने हमें तुम बुलाया करो बाग़-बगिया दिशाएँ मनोर…
कहीं पे चंदर उदास बैठा - ग़ज़ल - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव 'जानिब'
अरकान: मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन तक़ती: 1222 1222 1222 1222 कहीं पे चंदर उदास बैठा, कहीं सुधा भी बुझी पड़ी है मगर ये क़…
नसीब अपना जला चुके हैं - ग़ज़ल - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
नसीब अपना जला चुके हैं, चराग़ कोई बुझा न पाए ग़मों का साया जो पड़ चुका है, वो अब कभी भी हटा न पाए उदास आँखों में रौशनी थी, मगर वो कब स…
जो जगमग मेरी दुनिया दिख रही है - ग़ज़ल - समीर द्विवेदी नितान्त
जो जगमग मेरी दुनिया दिख रही है तुम्हारे नूर की ही रौशनी है भला दिखने की ये जद्दोजहद क्यों भलाई या बुराई कब छिपी है जो बदले पैंतरा हर इ…
हमने फहराकर तिरंगा कर दिया ऐलान है - ग़ज़ल - समीर द्विवेदी 'नितान्त'
हमने फहराकर तिरंगा कर दिया ऐलान है देख लो दुनिया ये ताक़त है हमारी शान है है हमें इश्क़-ए-वतन इस पर ये जाँ क़ुर्बान है हिन्द ही तो शान है…
आओ कुल्हड़ में चाय पीते हैं - ग़ज़ल - समीर द्विवेदी नितान्त
आओ कुल्हड़ में चाय पीते हैं चन्द लम्हें सुकूँ के जीते हैं क्या बताएँ ए दोस्त तेरे बिन सारे लम्हात रीते-रीते हैं रम औ' व्हिस्की तुम…
इस ज़िंदगानी में कहूँ इतना कमाया आज तक - ग़ज़ल - हरीश पटेल 'हर'
अरकानः मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन तक़ती: 2212 2212 2212 2212 इस ज़िंदगानी में कहूँ इतना कमाया आज तक जो भी लिख…
थे कभी हम-नफ़स हमराहों की तरह - ग़ज़ल - सुनील खेड़ीवाल 'सुराज'
थे कभी हम-नफ़स हमराहों की तरह मिलते अब महज़ वो बेगानों की तरह इश्क़ की राह ना थी मुक्कमल कभी बे-क़बूल अनसुलझे अफ़सानों की तरह मुद्दतों स…
मिट्टी में भी खेलते थे, बारिशों में भी नहाते थे - ग़ज़ल - रोहित सैनी | बचपन पर ग़ज़ल
अरकान: फ़ाएलातुन फ़ाएलातुन फ़ाएलातुन फ़ाएलातुन फ़ा तक़ती: 2122 2122 2122 2122 2 मिट्टी में भी खेलते थे, बारिशों में भी नहाते थे जून …
जो सच सबको बताना चाहता हूँ - ग़ज़ल - अरशद रसूल बदायूनी
अरकानः मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन तक़्तीः 1222 1222 122 जो सच सबको बताना चाहता हूँ वही ख़ुद से छुपाना चाहता हूँ तिरे ग़म की अमानत हैं ज…
सिर्फ़ मरते हैं यहाँ हिन्दू, मुसलमाँ या दलित - ग़ज़ल - सूर्य प्रकाश शर्मा 'सूर्या'
सिर्फ़ मरते हैं यहाँ हिन्दू, मुसलमाँ या दलित अब किसी भी जगह पर मरता नहीं है आदमी बँट गए अब तो स्वयं भगवान कितनी जाति में अब सभी की अर्…
सीने से जो लगाता था तस्वीर क्या हुई - ग़ज़ल - ममता गुप्ता 'नाज'
सीने से जो लगाता था तस्वीर क्या हुई, दिल में बसी थी तेरे जो वो हीर क्या हुई। लेने लगे हैं काम ज़ुबाँ से वो आजकल, उनकी निगाहे नाज़ की शमश…
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