हत्या या एक्सीडेंट - लघुकथा - दिलशेर "दिल"

रेलवे क्रोसिंग बन्द होने की वजह से गाड़ियों की काफी लंबी कतार लग चुकी थी, मुझे बहुत तेज़ी थी मैंने अपनी गाड़ी और गाड़ियों को ओवरटेक करते हुए काफी आगे लाकर कुछ गाड़ियों के बीच लगा ली थी।
गाड़ियों के रुकने का फायदा उठाते हुए वहीं आसपास के कुछ ग़रीब लोगों ने अपना धंधा बना रखा है कि वो और उनके बच्चे गाड़ी वालों को घेर कर उनसे भीख मांगने लगते हैं, और लगातार गाड़ी के शीशे को हाथों से ठोकते रहते हैं।
ऐसा ही मंज़र मेरे साथ भी हुआ, पहले एक औरत ने आकर भीख मांगी तो मैंने गाड़ी का शीशा खोले बिना ही उसे मना करते हुऐ आगे जाने का इशारा किया, तो वो दूसरी गाड़ी की तरफ चली गई, उसके जाते ही एक बच्चा गाड़ी के शीशे पर हाथ मारने लगा, मैन शीशे से बाहर देखा तो एक 4-5 साल का प्यारा सा बच्चा गिड़गिड़ाते हुए कुछ भीख में देने का इशारा कर रहा था,

मुझे एक पल को लगा कि इसे कुछ दिए देते हैं,
तभी रेलवे क्रोसिंग खुल जाने से पीछे की गाड़ियों ने हॉर्न बजाना शुरू कर दिया था। मैन भी उस बच्चे को एक तरफ हटने का इशारा करते हुए अपनी गाड़ी आगे बढ़ा दी। वो बच्चा लगातार गाड़ी के शीशे पर हाथ मार रहा था और भीख मांग रहा था, अब मुझे गुस्सा आ गया, मैंने शीशा खोल कर उस बच्चे को बुरी तरह अपने हाथ से धकेलते हुए गाड़ी से दूर झिड़क दिया। गाड़ियों की भीड़ में वो बच्चा कहीं गुम हो गया, और मैं भी अपने रास्ते चल दिया।

कुछ समय बाद जब वापस लौटा तो उसी रेलवे क्रोसिंग पर पुलिस वालों की भीड़ थी। मुझे समझ नहीं आया क्या वजह थी। मैने एक तरफ गाड़ी रोक कर जानना चाहा कि क्या बात है?

गाड़ी साइड में लगा कर मैने वहाँ एक आदमी से पूछा कि "ये क्रोसिंग पर इतनी पुलिस क्यों लगी हुई है?"
उस आदमी ने बड़े गुस्से में कोसते  हुए कहा की बेचारा एक 4-5 साल का बच्चा किसी गाड़ी के नीचे आकर मर गया है, कुछ देर पहले एक कार वाले से उसने भीख मांगी होगी लेकिन उसने भीख न देकर उस बच्चे को धकेल दिया जिससे वो बच्चा गिर पड़ा और पीछे से आ रहा एक ट्रक उसके ऊपर चढ़ गया, ट्रक के नीचे आने से उसकी मौत हो गई।

मैं वापस अपनी कार में बैठ गया। और बहुत देर तक बस यूं ही बैठा रहा।

मुझे अब कुछ समझ नहीं आ रहा था। 
ये "हत्या थी या एक्सीडेंट ?"

दिलशेर "दिल" - दतिया (मध्यप्रदेश)

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