संदेश
स्त्री - कविता - संजय राजभर 'समित'
स्त्री एक आनंद है सकल ब्रह्मांड है तो एक गंभीर, अथक पथिक भी है जो सत्य की खोज में एक अदम्य साहस के साथ अकेले सूनसान! ज़िंदगी की ऊबड़-ख…
मैं नारी हूँ - गीत - उमेश यादव
मैं नारी हूँ, मैं शक्ति हूँ , मैं देवी हूँ, अवतारी हूँ। अबला कभी समझ मत लेना, ज्वाला हूँ, चिंगारी हूँ॥ कल्याणी, भवानी, सीता भी मैं, …
प्यार में कोई दवा क्या है दुआ क्या है - ग़ज़ल - रोहित सैनी
अरकान: फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ा तक़ती: 2122 2122 2122 2 प्यार में कोई दवा क्या है दुआ क्या है, जो हुआ उसमें बुरा क्या है भल…
मेरी जान मेरी बेटी - कविता - जयप्रकाश 'जय बाबू'
बन के उजाला आई है मेरी जान मेरी बेटी, बन के आई मेरी मूरत मेरी पहचान मेरी बेटी। सूना था ये गुलिस्ताँ तेरे आने से खिल गया, पूरी हुई हर आ…
बेटी - कविता - गणेश भारद्वाज
भाग्य से मिलती है बेटी, हर नर के ऊँचे भाग कहाँ। जिस आँगन भी यह फूल खिला, करती है लक्ष्मी वास वहाँ। बिन बेटी घर-आँगन सूना, घर-आँगन की श…
यह मेरी लघु अक्षरजननी - कविता - राघवेंद्र सिंह
यह मेरी लघु अक्षरजननी, सूने पथ का एक सहारा। प्रतिक्षण ही मेरे उर रहती, गगरी में भरती जग सारा। कभी भोर लिखती, ऊषा वह, कभी सांध्य-बेला अ…
दिनकर-स्मृति - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' पर दोहे
सिंहनाद भारत विजय, दिनकर सम आलोक। रग-रग धारी-शौर्य बल, राम नाम हर शोक॥ अलख जगाता क्रान्ति का, रश्मिरथी निर्बाध। अमर प्रेम पुरु उर्व…
भविष्य के सितारे - कविता - रूशदा नाज़
सुनो मेरे प्यारे! तुम डरते क्यूँ हो? भविष्य के सितारे सुनो! तितलियों की उड़ान उड़ सकते हो वो चाहत हो तुम तुम सूर्य हो, तप सकते हो अग्न…
बिरजू केर पापा - बघेली लघुकथा - ईशांत त्रिपाठी
थोर क हरबी करा, विमला! तू त ओहिन ठे गड़ी गए। कइसन हरबी करी बिरजू के पापा, नंदी जी केर काने म अब बोलबओ मुसकिल किहे हेन अपनात विमला, क ह…
जो पीछे रह गए - कहानी - डॉ॰ अबू होरैरा
[1] दिल्ली हवाई अड्डे पर लोगों का हुजूम अड्डे से बाहर आ रहा था और जा रहा था। चूँकि राजधानी थी इसलिए भीड़ भी ज़्यादा थी। कोई किसी को देखक…
प्रेम पर पहरा - कविता - डॉ॰ प्रियंका सोनकर
प्रेम पर हज़ार पहरे होने के बाद भी उसने चुना प्रेमी होना पता था उसे जाति के बाहर शादी करने पर सज़ा क्या होगी उसकी देखा था उसने कई पीढ़ि…
मेघ और मनुज - कविता - कुमार प्रिंस रस्तोगी
जेठ अषाढ़ी सावन बरसे बरसे अर्ध कुँवार, आसमान में चातक घूमे धरती करे पुकार। हे इंद्रराज! अब करो तृप्त तुम मेरे हे प्राण, मनुज-मनुज ही ह…
उसने जब-जब कोई मुझसे सवाल पूछा है - ग़ज़ल - डॉ॰ राकेश जोशी
अरकान : फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन तक़ती : 212 1222 212 1222 उसने जब-जब कोई मुझसे सवाल पूछा है, मैंने तब-तब पलट के उसका हाल पूछ…
सर्वस्य त्वं - गीत - सुशील शर्मा
घोर त्वं अघोर त्वं। भाव त्वं विभोर त्वं। सिद्धि त्वं प्रसिद्धि त्वं। क्षरण त्वं वृद्धि त्वं। अखंड शुद्धि बुद्धि त्वं। प्रचंड रिद्धि सि…
श्री गणेश चतुर्थी - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
चरण कमल श्रद्धा नमन, करूँ गजानन आज। उमातनय परमेश भज, स्वस्ति लोक गणराज॥ रक्तांबर पूजन करूँ, लम्बोदर विघ्नेश। गजमुख वरदायक नमन, जय ग…
गजानन! तुम्हारी गूँजे जै-जैकार - गीत - सुशील कुमार
जय शिव नंदन, कृपा निकंदन, गौरी सुत सरकार तुम्हारी गूँजे जै-जैकार। वाहन तेरा मूसक राजे, मातु पिता के चरण विराजे अनुपम ज्ञान दया के सागर…
गणेश वंदना - कविता - गणेश भारद्वाज
प्रथम पूजा के तुम अधिकारी, मानव देह पर गज मुख धारी। तेरी लीला है सबसे न्यारी, मूषक पर तुम करो सवारी। लड्डुन का तुम भोग लगाते, मिष्ठान्…
हरो कष्ट विनायका - गीत - शेख रहमत अली 'बस्तवी'
पुत्र गौरी श्री गणेशा, आप हो सहायका। शरण में हम आपके हैं, हरो कष्ट विनायका॥ गलियाँ रोशन कर रहे, स्वागत में हम सब आपके। उमड़ आई आँ…
ये गणराज गणेश गजानन, देव हमारे हैं - गीत - कमल पुरोहित 'अपरिचित'
ये गणराज गणेश गजानन, देव हमारे हैं। मन की आशा पूरी होगी, देव पधारे हैं॥ भादो शुक्ल चतुर्थी जन्में, गणपति स्वागत हैं। एक नज़र डालो अब…
हे गणपति! हे नाथ गजानन! - कविता - अनूप अंबर
मैय्या तेरी पार्वती है, तू शिव का है राजकुमार। हे गणपति! हे नाथ गजानन!, सुन लो अब मेरी पुकार। तुमने जाने कितने जन तारे, हम है नाथ अब …
श्री गणेश वंदना - कविता - देवेंद्र सिंह
गाओ गणपति जगवंदन, शंकर सुअन भवानी नंदन। देव, दनुज, मुनि सब कोई ध्यावे, सबसे पहले भोग लगावे। सेंदुर भाल बिराजत चन्दन, गाओ गणपति जगवंदन॥…