समय की कीमत - कविता - मधुस्मिता सेनापति

समय बड़ा बलवान है
टिक नहीं सकता इसके आगे कोई
यह ईश्वर  का तो वरदान है......!!

एक बार हाथ से छूट जाने पर
वक्त ना मिलती है दुबारा
जीना है तो जी लो इसी वक्त ओ मेरे यारा....!!

जब हम समय का करते हैं अपमान
तब सही वक्त पर नहीं कर पाते हैं अपना काम
अंजाम यही होती है हमारे साथ
हम खो बैठते हैं अपना पहचान....!!

जब हम समय का करेंगे सही उपयोग
तब समय हमारे लिए होती है सहायक
जिससे हम सब हो पाएंगे लाभदायक......!!

मधुस्मिता सेनापति - भुवनेश्वर (ओडिशा)

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