संदेश
सनम बेवफ़ा - ग़ज़ल - डॉ.राम कुमार झा "निकुंज"
सनम बेवफ़ा तू दामन छोड़ दे , दिए ज़ख़्म गमों पे मुझे छोड़ दे, ढाए सितम को जरा याद करना, रहना खुश सदा तुम मुझे छोड़ दे । मैं थ…
हाँ मैं श्रमिक हूँ - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
मैं श्रमिक हूँ हाँ मैं श्रमिक हूँ । समय का वह प्रबल मंजर , भेद कर लौटा पथिक हूँ । मैं श्रमिक हूँ हाँ मैं श्रमिक हूँ। अग्निप…
चांद सा चेहरा - ग़ज़ल - समुन्दर सिंह पंवार
देख कर तेरा चाँद सा चेहरा दिल ये पागल हो गया मेरा जब बिखराती है मुखड़े पे जुल्फे हो जाता है चारों तरफ अँधेरा देख कर तेरी नागिन…
दूर होने की वजह तो बताओ - कविता - कुमार सौरव
चंद लम्हे पहले तो मिले थे अब दूर होने की वजह तो बताओ माना, मुझमे हजार कमिया है पर कभी फुरसत से करीब तो आओ चंद लम्हे पहले तो…
ये चाँद की सरगोशियां - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
ये चाँद की सरगोशियां , ये रात की तन्हाइयां । हर तरफ बजने लगी अब याद की शहनाइयां । ये ख्वाब की अंगड़ाइयां , ये …
कोरोना से सुरक्षा के लिए बच्चो का करें उचित मार्गदर्शन - लेख - सुषमा दिक्षित शुक्ला
दुनिया भर में कोरोनावायरस को लेकर तमाम तरह की जानकारियां सामने आ रही हैं, इनमें से कई जानकारियां भ्रामक भी होती हैं। इस समय पर अ…
अकेला आदमी - कविता - आनन्द कुमार "आनन्दम्"
एक बंजारा रहे अकेला न थी उसको कोई फिकर बस करता था अपना काम न जाने उसको कोई इंसान . कभी - कभी जब सोचे वो क्यों होता है मेरे …
पहली रात - कविता - बजरंगी लाल यादव
मेंरे जीवन की वो जो प्रथम रात थी, दर्द मीठा था पर इक हंसी रात थी| रात भर हम मनाते दिवाली रहे, एक-दूजे के बाहों …
कोरोना काल - कविता - माधव झा
कोरोना के इस काल मे, फसे हैं लोग जंजाल में, बांध नाक घूमना हैं सबको, उस जीवन के चाल में, मिलना जुलना भी बंद है, बड़े बुजुर्ग…
बुद्ध पूर्णिमा - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
था मन अशान्ति तज गेह को,निकल पड़ा सिद्धार्थ। बोधवृक्ष नीचे मिला , सत्य शान्ति परमार्थ।।१।। दया धर्म करुणा हृ…
एक खूबसूरत कहानी - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
जाड़ों की गुनगुनी धूप जैसा , इस बेगानी सी दुनियां में , तुम्हारा वो अपनापन । यादों के गलीचे पर खड़े होकर , तुम्हारा र…
लॉक डाउन की चुनौतियों से लोगों के व्यक्तित्व में आया निखार - लेख - सुषमा दिक्षित शुक्ला
सुंदर व्यक्तित्व वह माना जाता है जिसमें आंतरिक एवं बाह्य दोनों ही प्रकार के सौंदर्य का समावेश होता है ।वाकई लॉक डाउन ने लोगों के…
चूड़ियाँ - कविता - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
माँ बहनें वधू तनया , खनकती हाथ चूड़ी से। प्रिया हँसती लजाती सी सजन मनहार चूड़ी से। लगा बिंदी सजी मेंहदी …
अब तेरा कौन करे प्रतिकार बताओ तो - गीत - गोपाल पाण्डेय "आजाद"
अब तेरा कौन करे प्रतिकार बताओ तो। क्यों फिर जुल्मी हुई सरकार बताओ तो।। कुछ दिन और भूखे प्यासे हम रह लेते। लॉकडाउन की सारी …
ये क्या नया हैं - कविता - जितेन्द्र कुमार
ये अश्रु वो नीर है, जो वेदना को सींचते| पलकों से निर्झरणी, औ' शबनम बन जाते| न पूछो और क्या है? अरे! ये क्या नया हैं! …
मधुशाला सज महफ़िलें - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
गज़ब नीति सरकार की,कर मदिरा व्यापार। विकट आपदा है वतन , जनता है लाचार।।१।। मधुशाला फिर से सजी ,नशाबाज गुलज़ार। गज़ब रोग उपचार …
शराब के रास्ते राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास घातक - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
लॉक डाउन के दरमियान शराब की दुकाने राहत के बदले आफत बनकर टूटेंगी इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती। सोचिए अगर शराब की दुकानों पर कोरो…
घर पर रहना है - गीत - समुन्दर सिंह पंवार
गर बचानी है अपनी जान , घर पर रहना है लियो बात मेरी ये मान , घर पर रहना है व्यर्था बाहर तुम फ़िरो ना नही खत्म हुआ है अभी कोरोना…
मां का दीया - कविता - मयंक कर्दम
गरज रहे हैं बादल, बारिश आने वाली है। जागी सी रात में, मां दीया जलाने वाली है।। पवन का झोंका आने वाला है, तूफानों …
भोला आदमी - कविता - आनन्द कुमार "आनन्दम्"
आदमी तू बड़ा भोला है बात बोले बड़बोला है अच्छाई-बुड़ाई में भेद न जाने आदमी तू बड़ा भोला है. न जाने तू सच्चाई बस कहे उसकी सुनायी …
सैयद इंतज़ार अहमद की शायरी
देह से दूरी है जरूरी, देह से दूरी बना के रखिये, वक़्त बदला है, हालात बदल जाएं,मगर दिलों के बीच की दूरी को न बनने दीजिये। ~~ …
मंगलमय सब काम - दोहा - डॉ. राम कुमार झा
रोम रोम तनु राममय , भक्त राम हनुमान। भोर भयो सुमिरन करूँ , मंगलमय सब काम।।१।। रोग शोक परिताप सब , मिटे …
हक़ीक़त तो कुछ और थी - कविता - कुमार सौरव
आज मालूम पड़ा गनीमत हक़ीक़त तो कुछ और थी तेरे हर एक अश्क़ की सूरत तो कुछ और थी यू सासों का थमना रूह जा तिलमिल…
चौपट हुयी सब अर्थव्यवस्था पूर्ण करेगी मधुशाला - कविता - बजरंगी लाल यादव
लाँक डाउन ने ऐसा ढ़ाला, लगा दिया चहुँ ओर है ताला, चौपट हुयी सब अर्थव्यवस्था, पूर्ण करेगी मधुशाला। बन्दी न…
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