एक खूबसूरत कहानी - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला


जाड़ों की गुनगुनी धूप जैसा ,
इस बेगानी सी दुनियां  में ,
तुम्हारा वो अपनापन ।

यादों के गलीचे पर खड़े होकर ,
तुम्हारा रूठना मुस्कुराना ।
तुम्हें बस महसूस करना  ,

सुनो! अब यही सुकून है मेरा ।
हमारे हर तरफ है जो ये  ,
तुम्हारे प्यार का अनन्त पहरा ।

फिर किसी रोज लिखनी है,
अब एक अपनी कहानी ,
जिसके तुम राजा मैं रानी ।

जीवन मरण के फेर से दूर ,
उस कोरे अनन्त क्षितिज पर ,
तुमसे मिलना होगा अब मुझे ,
कभी भी जुदा न होने के लिए ,

फिर सदियों तलक
याद रखी जायेगी,
एक  खूबसूरत कहानी ,
जिसके तुम राजा  मैं रानी ।

सुषमा दीक्षित शुक्ला
राजाजीपुरम लखनऊ (उ०प्र०)

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