मंगलमय सब काम - दोहा - डॉ. राम कुमार झा


रोम    रोम  तनु    राममय  , भक्त    राम   हनुमान।
भोर    भयो  सुमिरन  करूँ , मंगलमय  सब  काम।।१।।

रोग   शोक   परिताप  सब , मिटे   सकल   संसार।
आंजनेय    प्रभु    चित्त   धर , महिमा   अपरम्पार।।२।।

पवनपुत्र    कपि    महाबली  , एकादश    अवतार।
चिरंजीव     आराध्य  कलि , करुणाकर  सुखसार।।३।।

महावीर      बजरंगबलि ,  हरो     जगत     संताप।
कोराना    से   मुक्ति  कर , आज  बना  अभिशाप।।४।।

जय  कपीश   हर  आपदा , दीन   दुखी     लाचार।
धीर   वीर   मति   अतिबली , कर   भक्तन उद्धार ।।५।

खग मृग नर मुनि देव जन ,  सदा  करें   तव ध्यान।
प्रेम  भक्ति  मय  परसुखी ,  दो    सबको   वरदान।।६।।

प्रगति शान्ति सुख लोक में,मन निकुंज अभिलास।
रामराज्य   भारत   पुनः , मारुत  तुम   बस  आस।।७।।

डॉ. राम कुमार झा - नव दिल्ली

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