संदेश
संतोष से बड़ा सुख नहीं - कविता - गणेश भारद्वाज
संतोषी जन बहुत सुखी हैं, स्वार्थ की दुनियादारी में। झूम उठा जो एक ही गुल पर, क्या करना उसको क्यारी में? सीख लिया थोड़े में जिसने, …
नीलकंठ दर्शन विहग - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
खल कामी हिंसक दनुज, हो विनाश नवरात्र। महादेव विषपान से, नीलकंठ शिव गात्र॥ विजयादशमी मांगलिक, रखें जयन्ती शीश। नीलकंठ दर्शन विहग, प्…
शिव स्वरूप श्री नीलकंठ - गीत - उमेश यादव
दिव्य मनोहर सुन्दर नभचर, शिव दर्शन मनभावन है। शिव स्वरूप श्री नीलकंठ का, शुभदर्शन अति पावन है॥ रावण वध से पूर्व राम ने, शिवशंकर आह्व…
मर्म-स्मृतियाँ - कविता - प्रवीन 'पथिक'
आँखों मे डर का ख़ौफ़, दिल मे भयानक मंज़र, मन मे अप्रत्याशित आशंका, और जीवन से मोह भंग– निविड़ता से उत्पन्न दुःख की ऐसी सूक्ष्म अनुभ…
मृत्यु : एक अखण्ड सत्य - कविता - सार्थक सिद्धू
पाषाण बन चुकें मेरे इस हृदय को एक दिन अनुभूति हुई इक गहरी, क्या अर्थ होता है मृत्यु का? ये जानने की इक प्रबल इच्छा सी ठहरी, देखा ज…
जो पग कहें तो बढ़ चलो - कविता - राघवेंद्र सिंह
जो पग कहें तो बढ़ चलो, स्वयं से ही यूँ लड़ चलो। शिखर का अंत है कहीं, जो दिख रहा तो चढ़ चलो। दृगों में तुंग कोर हो, हृदय सदा विभोर हो। …
नमन - मनहरण घनाक्षरी छंद - महेश कुमार हरियाणवी
खगोलीय जहान हो, या गूँजता विमान हो, अपने तिरंगे का तो, अलग मक़ाम है। तकनीक का है जोर, चमके हैं चारों ओर, पैर धरती पे म्हारे, हाथ में लग…
कोई ख़ुशबू, कोई साया, याद आया रात भर - ग़ज़ल - रोहित सैनी
अरकान: फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन तक़ती: 2122 2122 2122 212 कोई ख़ुशबू, कोई साया, याद आया रात भर, जाने किसकी, याद ने हमको …
वन्दन करें सब उस अगोचर का - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
वन्दन करें सब उस अगोचर का, दुख में सदा रहे उस सहचर का। सहज सुख की अभिलाषा में, दुख प्रकट उपेक्षा की भाषा में। कैसे दर्शन दिन में निशाच…
इमारतें - कविता - ऊर्मि शर्मा
शहर की ऊँची इमारतें ख़ून पसीना पिए खड़ी है इसी गाँव के ग़रीब मज़दूर का पल में घुड़क दिया फुटपाथ से उसे उखाड़ आशियाना चार-हाथ का उ…
पदचिह्न - कविता - संजय राजभर 'समित'
आया था चला जाऊँगा खाली हाथ आया था पर कोशिश है खाली हाथ न जाऊँ कुछ पद चिन्हों को छोड़ जाऊँ और वही पद चिन्ह छोड़ पाते हैं जो मानव सभ्यता…
वंदित विरह - कविता - मेहा अनमोल दुबे
चंद छन्द कहकर,ओझल कौन? विरह वंदित, क्युँ करता मौन? पीडा़ हो गई भाव-विहिन? भाव-विहिन हृदय से, गड़ता कविता कौन? शब्दों में ढलता ही नह…
अक्टूबर है जी जान लगा दो - नज़्म - प्रशान्त 'अरहत'
ये क्या है मौसम? बहाना कैसा? कभी तुम गर्मी कभी तुम सर्दी बता रहे हो! या काम से जी चुरा रहे हो? तुम लक्ष्य ठानो जो एक मन में तो उसको प…
सीख - कविता - नाथ गोरखपुरी
आँसू जब अंगार बनेगा, तन का मन का हार बनेगा। अंतस् में सुनापन साधे, समझो कि संसार बनेगा। जब जब पीड़ा गहरी होगी, ख़ुशियाँ रुक के ठहरी हों…
हम माटी के प्रेमी किसान हैं - कविता - गोलेन्द्र पटेल
गाय, बैल, ट्रैक्टर, थ्रैशर, खेत व खलिहान हमारी पहचान हैं हमारे बेटे सरहद के जवान हैं हमारी हथेलियों में कुदाल, खुरपी, फरसा व हँसिया के…
यादें - कविता - ब्रज माधव
ऊँची आलमारी पर रखी कोई धूल में लिपटी किताब उसके फटे पन्ने की अधूरी कहानियों को कोरे काग़ज़ पर एकाकी गुनगुनाते किसी याद से जन्म लेती है …
माँ नव दुर्गा पचासा - चौपाई छंद - सुशील कुमार
दोहा:- मातु पिता गुरु नाय सिर, प्रथम मनाय गणेश। कारज आय सॅंवारिए, बह्मा, विष्णु, महेश॥ जय जय माँ जगदम्बिका, करो कंठ में वास। कीरति गाऊ…
जय माता दी वन्दना - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
शुक्ला आश्विन मंगला, शारदीय त्यौहार। नव दुर्गा आराधना, कीर्ति मिले सुख सार॥ अभिनन्दन स्वागत करें, नवरात्रि त्यौहार। पूजन नित नवशक्त…
माँ ब्रह्मचारिणी - गीत - उमेश यादव
ब्रह्मचारिणी हे माँ दुर्गे, तप करने की शक्ति दो। ज्योतिर्मयि हे मातु भवानी, चरणों में अनुरक्ति दो॥ विश्व रचयिता हे जगदम्बा, सारे विद…
सिंह चढ़ के आई दुर्गा - गीत - कमल पुरोहित 'अपरिचित'
सिंह चढ़ के आई दुर्गा गीत मंगल बज रहा। घर गली चौराहों पर मंडप तेरा माँ सज रहा॥ शांत कोमल रूप माँ का शांति देकर जाएगा। सारे ब्रह्मांड…
मुस्कुराहट - कविता - अमृत 'शिवोहम्'
मंद हवा में लहराते तुम्हारे बाल जब तुम्हारे होठों पर आते हैं... और तुम्हारे दोनों डिंपल होठों से सटकर 180 डिग्री का सरल कोण बनाते है…
हे पार्थ! सुनो केशव के मन की पुकार - कविता - सिद्धार्थ 'सोहम'
हे पार्थ! सुनो केशव के मन की पुकार। गांडीव अगर धर सकते हो मानो की भूले क्षत्रिय धर्म, लुटती द्रौपदी की इज़्ज़त को लुटता नारीत्व सौभाग…
वह तुम हो - कविता - रोहित सैनी
"अर्धनारीश्वर" की "अवधारणा" तुम्हीं से पूर्ण होगी "पायल" "डमरू" की डम-डम में जो छन-छन है उधार!…
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर