पदचिह्न - कविता - संजय राजभर 'समित'

पदचिह्न - कविता - संजय राजभर 'समित' | Hindi Kavita - Padchinha - Sanjay Rajbhar Samit | Hindi Poem On Footprints. पदचिह्न पर कविता
आया था
चला जाऊँगा
खाली हाथ आया था
पर कोशिश है
खाली हाथ न जाऊँ
कुछ पद चिन्हों को छोड़ जाऊँ
और वही पद चिन्ह छोड़ पाते हैं
जो मानव सभ्यता को
कुछ नया दे पाते हैं


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