वन्दन करें सब उस अगोचर का - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा

वन्दन करें सब उस अगोचर का - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा | Hindi Kavita - Vandan Karen Sab Us Agochar Ka - Hemant Kumar Sharma
वन्दन करें सब उस अगोचर का,
दुख में सदा रहे उस सहचर का।

सहज सुख की अभिलाषा में,
दुख प्रकट उपेक्षा की भाषा में।
कैसे दर्शन दिन में निशाचर का।

अहंकार क्रोध शत्रु सब भीतर थे,
इस वन में चहुँओर बस कीकर थे।
कब उच्च स्थान होगा मेहतर का।


Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos