नमन - मनहरण घनाक्षरी छंद - महेश कुमार हरियाणवी

नमन - मनहरण घनाक्षरी छंद - महेश कुमार हरियाणवी | Manharan Ghanakshari Chhand - Naman - Mahesh Kumar Hariyanavi. देशभक्ति घनाक्षरी छन्द
खगोलीय जहान हो, या गूँजता विमान हो,
अपने तिरंगे का तो, अलग मक़ाम है।

तकनीक का है जोर, चमके हैं चारों ओर,
पैर धरती पे म्हारे, हाथ में लगाम हैं।

कोशिशों की भरमार, युवा-अनुभवी ज्वार,
हिम्मतों के दिन संग, साहस की शाम है।

शत शत नमन है, उन महावीरों को जो,
दोनों कर एक कर, कर रहे काम हैं।


Join Whatsapp Channel



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos