संदेश
तिरंगा भारत की शान - कविता - अतुल पाठक
तिरंगा भारत की शान है, माँ भारती की अमिट पहचान है। हम देशप्रेमियों के दिल की धड़कन, यही हमारी जान है। हिम शिखर पर लहराता, गौरव…
आजादी - कविता - नूरफातिमा खातून "नूरी"
अंगुली पकड़कर गर्दन पकड़ा था अंग्रेजों ने गुलामी की जंजीर में जकड़ा था अंग्रेजों ने। राजपूत, नवाबों को कैसे आपस में लड़ाया था, ह…
कान्हा मुरली न बजाओ - लोकगीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
कान्हा मुरली ना बजाओ , आधी रतियन मा । कान्हा हमका ना सताओ , आधी रतियन मा । कान्हा मुरली ना बजओ , आधी रतियन मा । कान्हा निदिय…
बीते हुए लम्हें - कविता - चंदन कुमार "सावन"
चुपचाप देखना, फिर गले से लगाना, याद है आज भी, वो तेरा रूठ जाना ! कितना खुशनुमा था, कितना था सुहाना, मदहोशी में वो तेरा, मेरे होठो…
प्रकृति की आवाज - कविता - मधुस्मिता सेनापति
आज एक नए युग का आगाज हैं धुंध नहीं यह तो प्रदूषण की आवाज हैं स्वार्थ हासिल करने की उम्मीद से तोड़ दिया हैं मानव आज प्रकृति से वो…
जिन्दगी - कविता - विभा कुमारी
ये जिंदगी क्या है, खट्टी मीठी यादों का अनुभव, जो कभी हँसाती तो, कभी रुला जाती। ये जिंदगी धूप छाँव जैसी है जो सूरज की तपिस सी…
मेरा लहू तेरा अश्क़ - कविता - शेखर कुमार रंजन
मै अपना लहू जलाकर, तेरा अश्क़ लिखता रहा तब जाकर जमाने को, तेरा दर्द दिखता रहा। मैने अपने रक्त से, तेरी कहानी लिखा है तब जाकर ज…
पहली मुलाकात - गीत - राहुल सिंह "शाहावादी"
कितना अच्छा होता यदि तुम, पुनः मुझे मिल जाते। पहली मुलाकात थी प्यारे, फिर से तुम मिल जाते।। मेरे प्र…
श्रीकृष्ण स्तोत्रम् - स्तोत्रम् - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
योगेशं योगेश्वरं राधाकृष्णं यशुमतिसुतम्। नारायणं वासुदेवं माधवञ्च जनार्दनम्।।१।। श्रीकृष्णं कृष्णानन्दं दामोदर…
श्री राम भी मैं श्री कृष्ण भी मैं - कविता - सुनीता रानी राठौर
तलाश कर न मुझे इस संसार में, अगर तेरे दिल में न, तो कहीं न हूँ मैं। राम, कृष्ण,कई नाम से संबोधित मैं अनेकों नाम, भेष-भूषा धारक ह…
भावना के पुष्प - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
ये भावना के पुष्प सादर, प्रभु समर्पित है तुम्हें। प्रेम धागे में पिरो कर, कर रही अर्पित तुम्हें। है कामना अब तो प्रभू, कोई…
तोहफा दिया - ग़ज़ल - ममता शर्मा "अंचल"
क्यों भला तुमने हमें बिसरा दिया किसलिए हमको, सफर तन्हा दिया क्या मुहब्बत का यही दस्तूर है खेल कर जज़्बात से, ठुकरा दिया चाह थी …
आजादी का जश्न - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
ये अनमोल दिवस है प्यारे जन मन को ये ही समझाओ। सब मिलकर के नाचो गाओ आजादी का जश्न मनाओ।। कण कण में उल्लास है फैला जन जन में हर्…
आँखें - कविता - कपिलदेव आर्य
तेरी काली-काली आँखें, प्यार भरी मतवाली आँखें! इन आँखों में झूमा सावन, बरसे जब मदवाली आँखें! देखी जब से भोली आँखें, डूब गया जब …
कलम साहित्यकार का हैं हथियार - कविता - मधुस्मिता सेनापति
कलम जो साहित्य का हैं आधार साहित्य जो ज्ञान का हैं भंडार साहित्यकार लिखें कलम से यह कलम का हैं आभार.....!! कलम तो साहित्यकार का…
बारिश - कविता - आलोक कौशिक
कल रात जब वो आई थी घर मेरे तब होने लगी थी बेमौसम बारिश सिर्फ़ संयोग था बादलों का बरसना या थी कुदरत की वह एक साज़िश मिली थी वह…
तुम बिन कौन उबारे - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
थोड़ी सी मुस्कान कन्हैया , जग को दे दो प्यारे । हर कोई है व्यथित यहाँ तो , अपने दुख से हारे । इस धरती पर आकर खुद, तुमने भी दुख …
जन्माष्टमी पावन त्यौहार है - कविता - करन त्रिपाठी
मुरलीधर की शरण में तो ये जग सारा है। आया जन्माष्टमी पावन त्योहार प्यारा है।। मोहन की मुरली का य़ह दीवाना संसार है। नटवर की मह…
झूले कान्हा राधिका - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
नारायण अनुराग मन , पूत देवकी गेह। भाद्र मास तिथि अष्टमी , वासुदेव नर देह।।१।। कृष्ण अमावश कालिमा, जात कृष्ण अभ…
यशुदा माँ के ललना - चौपाई - प्रशांत अवस्थी
यशुदा माँ के ललना आओ। आकर मोहे दरश दिखाओ।। कृष्णा दर्शन मोहे दीजो। मुझे अपनी शरण ले ली जो।। गल बैजंती माला तेरे। मोर मुकुट सोहे स…
जिंदगानी - कविता - मधुस्मिता सेनापति
नींद पूरी हुई न ख्वाब दिन पूरे हुए न साल न बचपन पूरा जिया न जवानी सब कुछ लगे अधूरी........ जैसे गर्मियों में तालाब का पानी तीन…
जान लुटाने के वास्ते - ग़ज़ल - अब्दुल जब्बार "शारिब"
ख़ाके वतन का क़र्ज़ चुकाने के वास्ते। तैयार हूँ मैं जान लुटाने के वास्ते। नग़में खुशी के लब पे सजाने पढ़े मुझे, मज़लूमियत को अपनी छुप…
ग़म ए राहत - ग़ज़ल - महेश "अनजाना"
जनाब राहत इंदौरी को समर्पित ग़ज़ल बहुत बार मौत को ललकारा है। आज वही शख्स है जो हारा है। कहते रहे ऐ! घर से न निकल, न…
मूक रिश्ता - लघुकथा - सुधीर श्रीवास्तव
अब जब भी वह दिखती है अनायास ही बीता समय चलचित्र की तरह घूम जाता है। अभी अधिक समय बीता भी नहीं है। लेकिन ऐसा लगता है जैसे कल की ही ब…
सच्ची भक्ति - लघुकथा - सुनीता रानी राठौर
रामू एक निर्धन और अनाथ बालक था जिसे अपने माता-पिता का नाम नहीं पता था। बचपन से ही मंदिर में साफ सफाई का कार्य कर रहा था। पर जब पूजा…
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