भाद्र मास तिथि अष्टमी , वासुदेव नर देह।।१।।
कृष्ण अमावश कालिमा, जात कृष्ण अभिराम।
कालिन्दी दे सुगम पथ , नंदलाल सुखधाम।।२।।
पीताम्बर घन श्याम तनु, मोरमुकुट नित भाल।
चारु चन्द्र आनंदकर , यशुमति के गोपाल।।३।।
वंशीधर मधु माधवी , मधुवन बहे बयार।
नंदलाल गिधिधर मधुर , ग्वालसखा गलहार।।४।।
पीताम्बर घन श्याम तनु , मोरमुकुट नित भाल।
चारु चन्द्र आनंदकर , यशुमति के गोपाल।।५।।
वंशीधर मधु माधवी , मधुवन बहे बयार।
नंदलाल गिधिधर मधुर , ग्वालसखा गलहार।।६।।
लीलाधर षोडश कला , वासुदेव रच रास।
राधा संग अठखेलियाँ , नच नटवर उल्लास।।७।।
झूले कान्हा राधिका , मुदित गोपियाँ बाल।
रास नृत्य नित चारुतम , वृन्दावन खुशहाल।।८।।
मुरलीधर मुरली बजे , सुन राधा अतिभोर।
ताक झाँक कर गोपियाँ, लीला बस चितचोर।।९।।
माघी मधुवन माधवी , खिले पुष्प नवरंग ।
लीलाधर सह राधिका , नाचे गोपी संग।।१०।।
मातु यशोदा मुदित लखि , नंदलाल मुखचन्द।
मीत प्रीत सह राधिका,सुरभित मन मकरन्द।।११।।
कवि निकुंज जीवन सफल,मानस कान्हा नाम।
राधा अरु माधव मिलन , मनमोहन अभिराम।।१२।।
डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" - नई दिल्ली