यशुदा माँ के ललना - चौपाई - प्रशांत अवस्थी

यशुदा माँ के ललना आओ। आकर मोहे दरश दिखाओ।।
कृष्णा दर्शन मोहे दीजो। मुझे अपनी शरण ले ली जो।।

गल बैजंती माला तेरे। मोर मुकुट सोहे सिर तेरे।।
आकर मोहे दर्शन दे जा। मेरे पाप सभी हर ले जा।।

तेरी मुरली चैन चुराये। कजरारे ये नैन लुभाये।।
रंगा रहूँ रास व रंग में। भरदे भक्ति मेरे अंग में।।

भक्ति भाव से पास बुलाऊं। तुम दर्शन दो आस लगाऊं।।
प्रभू मिटा दो दिल की खीवन। धन्य करो अब मेरा जीवन।।

हर पल तेरे दरस की चाह। प्रभू दिखाओ मुक्ति की राह।।
अपने तन की भास दिखा दो। मुझको अपना रास सिखा दो।।


प्रशांत अवस्थी - औरैया (उत्तर प्रदेश)

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