श्रीकृष्ण स्तोत्रम् - स्तोत्रम् - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"

योगेशं   योगेश्वरं     राधाकृष्णं यशुमतिसुतम्। 
नारायणं  वासुदेवं      माधवञ्च    जनार्दनम्।।१।।

श्रीकृष्णं   कृष्णानन्दं  दामोदरञ्च सर्वात्मनम्।
मोहनं    मनमोहनं    मुरलीधरं      मधुसूदनम्।।२।।

श्रीनाथं    जगदानन्दं    जगन्नाथं  जगदीश्वरम्।  सत्यभामैशं   लक्ष्मीकांतं  गिरिधरं धरणीधरम्।।३।

मधुवनेन्द्रं    वार्ष्णेयं    कालियहरणं  सुरेशम् ।
रुक्मीशं राधिकारमणं कालातीतं जनसीदनम्।।४।।

गोपेश्वरं   च   गोपेशं  गोपुरेन्द्रं  गौरवान्वितम् ।
गोकुलं    गोकुलानन्दं   गोपालं     गोरक्षकम्।।५।।

गोपीनाथं    गोमुखं श्रीमन्तं गोपिकावल्लभम्।
कान्तकान्तं  सुकान्तं  रमाकान्तं   सुमनोहरम्।।६।।

कमलनयनं पीतांबरं घनश्यामञ्च घनात्मकम्।
वासुदेवं    विश्वात्मनं   विश्वरूपं विराटदर्शनम्।।७।।

आदित्यं   सच्चिदानंदं   मोक्षदं  मोक्षदायकम् ।
देवेशं    दिव्यानन्दं   चक्रधरं      गरुडवाहनम्।।८।।

वंशीधरं     सुमधुरं    सुखदं    सदा सुदर्शनम् ।
निराकारं   जाम्बवतीशं      देवावनुजपूजितम्।।९।।

यमुनेशं     हृषीकेशं    मथुरेशञ्च पुरुषोत्तमम्।  
सर्वोत्तमं सत्कलाधीशं श्रीरंगनाथं व्यंकटेश्वरम् ।।१०।।

बद्रीनाथं सर्वश्रेष्ठं  देवेन्द्रं पुण्यार्थं  पुण्यात्मनम् ।  
पूर्णं   पूर्णमिदं    पुण्योदकं     पुण्यश्रीपादकम्।।११।।

पुण्डरीकाक्षं पावनमच्युतं वैकुंठलोकप्रदायकम्।
पार्थसारथीं भवतारणं पदमनाभं  बलदेवानुजम्।।१२।।

लक्ष्मीश्वरं  विष्णुं  हरिं   द्वारिकेशं   करुणापरम्।
कंसात्मकं    दुरान्तकं        पुरातनातिपुरातनम्।।१३।।

नन्दजं    नन्दानन्दात्मकं  चिरन्तनं   मधुपेश्वरम्।
महाभारते    महानायकं       शरणागतवत्सलम्।।१४।।

डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" - नई दिल्ली

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