आजादी का जश्न - कविता - सुधीर श्रीवास्तव

ये अनमोल दिवस है प्यारे
जन मन को ये ही समझाओ।
सब मिलकर के नाचो गाओ
आजादी का जश्न मनाओ।।

कण कण में उल्लास है फैला
जन जन में हर्षोल्लास यहाँ पर।
बच्चे बूढ़े या जवान सभी जन
आजादी का जश्न मनाओ।।

खुशियाँ खेतों में बिखरी हैं
चिड़िया पेड़ों पर चहकी हैं।
देश की शान बढ़ाने आओ
आजादी का जश्न मनाओ।।


सुधीर श्रीवास्तव - बड़गाँव, गोण्डा (उत्तर प्रदेश)

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