संदेश
भारत धीरे-धीरे लॉक डाउन से बाहर आ रहा है - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
दो हफ्तों के लिए डाउन को बढ़ा दिया गया है । लॉक डाउन 3 के लिए नई गाइडलाइन भी जारी कर दी गयी है । आपको बता दें कि अकेला भारत ही…
दिल तोड़ दो - ग़ज़ल - कवि कुमार निर्दोष
दिल तोड़ दो हम दर्द को बेसाखी बना लेंगे हम आँसुओं से दिल की, प्यास बुझा लेंगे अब याद ना करेंगे तुझको, ऐ बेवफा सनम तेरी याद को ह…
जल - कविता - गौतम कुमार
बढ़ रही है इस धरा पर , प्रतिदिन आबादी। व्यर्थ ना बहाएँ जल को , करें ना इसकी बर्बादी।। दुनियाँ को अब दिखा रहें हो , मूर्ख त…
मै नदी किनारे वन में रहता हूं - कविता - अशोक योगी
मै नदी किनारे वन में रहता हूं शीत ... उष्ण वात......भीषण मेघ........गर्जन हिम........ वर्षण सब कुछ अपने तन पे सहता हूं । …
राधे बिन गोविन्द कहँ - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
यदुनंदन ऋषिकेश प्रभु , बसे यमुन के तीर। राधा दौड़़ी गल मिली , भरी आँख में नीर।।१।। भव्य मनोहर रूपसी ,…
मैं तो किसान का बेटा हूँ - कविता - बजरंगी लाल यादव
सुनों! सुनों! हे-दुनियाँ वालों, तुम कितनी भी तरक्की कर लो, पर किसान से छोटे हो, चाहे चाँद पर चले गए, चाहे वायुयान बनाया है, सब…
लॉक डाउन में स्थानीय रोजगार वाकई खत्म होने के कगार पर - लेख - सुषमा दिक्षित शुक्ला
काम छोड़ कर घर लौटे सर्वहारा वर्ग से लॉक डाउन ने तो जीने का सहारा ही छीन लिया है । चिलचिलाती गर्मी हो या कड़ाके की सर्दी या झमाझ…
जवानों को सलाम - गीत - समुन्दर सिंह पंवार
देश की रक्षा करते हैं जो सीमा पै सुबह -शाम उन जवानों को प्रणाम, उन जवानों को सलाम चौबीस घण्टे रहते हैं जो बोडर पै तैनात कफ़…
लॉक डाउन 3.0 - लेख - तपन कुमार
दोस्तों , आज हम "कोरोना" के कारण हुए लॉकडाउन के तीसरे फेज़ में आ गये। आज से "Lockdown 3.0" प्रारम्भ हो गया …
तुम कब आओगे - कविता - कुमार सौरव
आवारा सा लगता हूँ मैं जब पाता खुद को सड़को पर किंचित, चिंतित , उबा सहमा हुआ जैसे ज़िन्दगी बन गयी हो एक जुआ क्या हो रह…
बेटियाँ - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
बेटियाँ शब्द एक प्रतीक है , अहसास है मर्यादा का , गहन अपनत्व का , माता के ममत्व का ,पिता के दायित्व का । ये बेटियां गंगा की…
पढने की उम्र मे ही पापा तुमने मेरी सगाई कर दी - कविता - चीनू गिरि
पढने की उम्र मे ही पापा तुमने मेरी सगाई कर दी ...... शादी करने के चक्कर में मेरी बन्द पढाई कर दी..... अभी तो गुडिया से खेलती माँ …
मुर्दा के बोल - कविता - मयंक कर्दम
सोते हुए को मुझे जगाते क्यो हो? जाने दो अब मुझे बुलाते क्यो हो? धौती-कुर्ता अब पहनाते क्यो हो? श्वेत कफन मुझे चढाते क्यो …
कोरोना के योद्धा - गीत - समुन्दर सिंह पंवार
सब उनको करो सलाम , जो कोरोना के योद्धा हैं सब उनको करो प्रणाम, जो कोरोना के योद्धा है स्वास्थ्य कर्मी और डॉक्टर जो रखते हमें ब…
भारत वर्ष हमारा है - कविता - बजरंगी लाल यादव
सारी दुनियाँ से प्यारा है, यह भारत वर्ष हमारा है, हमने दुनियाँ को बतलाया, वसुधा ही कुटुम्ब हमारा है, ना राग-द्वेष ना जाति-धर्म,…
वो पत्र - कविता - जितेन्द्र कुमार
आज भी वो पत्र रखा हूँ, जिनमें वादें औ' कसमें हैं| बस मेरी उसकी दास्तानें, कितने नामुकम्मल नगमें हैं| …
तेरे आँसू के मोती को ,यूँ जवाब लिख दूंगा - कविता - मयंक कर्दम
तेरे आँसू के मोती को ,यूँ जवाब लिख दूंगा।। चाहती हो अगर मुझको तो स्वभाब लिख दूंगा।। दस्तक देता है दिल मेरा ,तेरा पैगाम अधुरा…
छंद कोरोना पे - प्रशांत अवस्थी
दोहा - कोरोना के कोप से, हुआ मनुज लाचार। तालाबंदी हो गयी, रुका पड़ा संसार।। चौपाई- कोरोना ने पांव पसारे। डरे हुए हैं मानव स…
लोकडॉउन के फायदे - हरियाणवी कविता - समुन्दर सिंह पंवार
लोकडॉउन के फायदे सुणलो आज बताऊँ भाई सारी प्रकृति खिल उठी कली - कली मुस्काई प्रदूषण होग्या खत्म और वातावरण होया साफ रै लोकडॉउन क…
लॉक डाउन मे प्रवासियों को एक राज्य से दूसरे राज्य मे भेजने के लिए सावधानिया - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
लॉक डाउन में लोगों को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने के लिए सावधानियां बरतना अत्यंत आवश्यक है। केंद्र सरकार ने प्रवासी लोग…
ऋषि कपूर श्रद्धांजलि - गीत - समुन्दर सिंह पंवार
चले गये हमसे बहुत ही दूर हमारे अभिनेता ऋषि कपूर है सबकी आँख में पानी हुई बहुत बड़ी ये हानि थे कला के कोहिनूर हमारे अभिनेता ऋषि…
विश्व मजदूर दिवस - कविता - बजरंगी लाल यादव
देश की सभी तरक्की में,मजदूरों का हाथ है, सुई से लेकर वायुयान बनाने तक में मजदूरों का साथ है, पर कहीं सम्मान न तेरा भूखे नंगे रहना…
माह-ए-रमज़ान - भोजपुरी कविता - बजरंगी लाल यादव
आइल रमज़ान रचिका रखिहा तूं दूरी, लाक डाउन के पालन करब,बहुत बा जरूरी, कोरोना के नाते बढ़ल बाटे मजबूरी, दूरी बना के रखलो बहुत बा ज…
संभालो कमान - कविता - जितेन्द्र कुमार
हे! भारतवर्ष के वीर जवान, आगे बढ़ो, संभालो कमान। चेहरे पर वो आभा लाओ, औ' शरीर में अदम्य बल। जिससे तुम प्रवीर होकर, कर सको …
कोरोना ने तो वैसे यारों - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
कोरोना ने तो वैसे यारों, सबको बहुत रुलाया है । मगर साथ ही इस दुश्मन ने जीवन संकल्प सिखाया है । पल पल भाग रहे जीवन को, थोड़ा …
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