लोकडॉउन के फायदे - हरियाणवी कविता - समुन्दर सिंह पंवार


लोकडॉउन के फायदे सुणलो आज बताऊँ भाई
सारी प्रकृति खिल उठी कली - कली मुस्काई

प्रदूषण होग्या खत्म और वातावरण होया साफ रै
लोकडॉउन के कारण होग्या परिवारों का मिलाप रै
बाहण और भाई मिला दिये मिलाये मां और बाप रै
भागा दौड़ मिटगी सारी और मिटगे सभी सन्ताप रै
अपणों के संग जिंदगी जीवण की घड़ी मुश्किल तै आई

नदियों का जल शुद्ध होग्या मिटगी गन्दगी सारी
चोगरदे के शांति ही शांति ना शोर - शराबा भारी
रोड़ एक्सीडेंट तै बचगी काफी जान हमारी
मांस - मदिरा भी छुटगे होंगे लोग शाकाहारी
नाचैं -गावैं खुशी मनावैं खुश होरयी घणी लुगाई

हत्या , डकैती बन्द होगी ना चोरी - जारी होती
दंगे - झगड़े बन्द होंगे इब दुनिया सुख तै सोती
दादा के संग पोता खेलै और दादी के संग पोती
सबके दिल मै जाग गई या प्रेम आली ज्योति
सभी प्यार से रहते हैं   इब राड़ ना  लड़ाई

बिल्कुल साची कहरा सूं ये खर्चे होंगे कम रै
मजे तै जिंदगी कटरी सै रहया नही कोय गम रै
लोकडॉउन मै चलरी सै अपणी खूब कलम रै
श्री कमल सिंह गुरु की दया तै आगै बढरे हम रै
समुन्दर सिंह बल्मभिया करता रोज नयी कविताई

समुन्दर सिंह पंवार
रोहतक हरियाणा

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