उन जवानों को प्रणाम, उन जवानों को सलाम
कफ़न हमेशा रखते हैं वो तो अपणे साथ
सर्दी और बरसात सहते , सहते गर्मी घाम
उन जवानों को प्रणाम , उन जवानों को सलाम
जोखिम के म्हां रहते हरदम उनके अपणे प्राण
अपणी जान कर देते हैं वो तो देश के नाम
उन जवानों को प्रणाम , उन जवानों को सलाम
आन - बान और शान तिरंगा लगै जान तै प्यारा
दुश्मन का जो कर देते हैं जंग में काम - तमाम
उन जवानों को प्रणाम , उन जवानों को सलाम
जो देश की रक्षा करते उनकी रक्षा करै भगवान
जिनके कारण आबाद सैं ये म्हारे शहर और गाम
उन जवानों को प्रणाम , उन जवानों को सलाम
समुन्दर सिंह पंवार - रोहतक (हरियाणा)