भारत वर्ष हमारा है - कविता - बजरंगी लाल यादव


सारी दुनियाँ से प्यारा है,
यह भारत वर्ष हमारा है,
हमने दुनियाँ को बतलाया,
वसुधा ही कुटुम्ब हमारा है,
ना राग-द्वेष ना जाति-धर्म,
चहुँ ओर ही भाईचारा है,
जब दुनियाँ को ना ग्यान रहा,
हमने जीरो अविष्कारा है,
जिसे पाकर दुनियाँ ने सीखा,
गिनती और पहाड़ा है,
सभ्यता जहाँ पहले आयी,
वह हिन्दुस्तान हमारा है,
श्री राम चन्द्र सा महा पुरुष,
कृष्ना भी हमको प्यारा है,
जहाँ प्रीति की रीति सदा से रही,
गंगा सी अमृतधारा है,
जहाँ हिन्दू-मुस्लिम-सिख, सभी,
भारत माँ की आँखों का तारा है,
ना राग-द्वेष,ना जाति-धर्म
चहुँ ओर ही भाईचारा है,
सारी दुनियाँ से प्यारा है,
यह भारत वर्ष हमारा है।


बजरंगी लाल यादव

दीदारगंज,आजमगढ़ (उ०प्र०)

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