कोरोना ने तो वैसे यारों - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला


कोरोना ने तो वैसे यारों,
सबको बहुत रुलाया है ।

मगर साथ ही इस दुश्मन ने
जीवन संकल्प सिखाया है ।

पल पल भाग रहे जीवन को,
थोड़ा  सा  ठहराया है ।

अपनो से जो बहुत दूर थे ,
फिर से  उन्हें  मिलाया है ।

मानवता  के  पिंजर  से ,
स्वारथ का अंश मिटाया है।

संयम कितना आवश्यक है,
यह  भी  पाठ पढ़ाया है ।

बहुत दिनों से बिछड़े अपने,
वर्षो  बाद  मिलाया  है ।

अपने अपने ही होते हैं,
यह भी तो दिखलाया है ।

पल पल भाग रहे जीवन को ,
थोड़ा  सा  ठहराया  है।

सुषमा दीक्षित शुक्ला

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