संदेश
तेरी आँखों में - गीत - गणेश दत्त जोशी
तेरी आँखों में सजा रखा है मैंने ख़्वाबों का संसार। अब तू चाहे बहा दें मुझे आँसुओ में, या लगा दे पार। तेरी आँखों में... मेरी हर बात तुझस…
प्रेमिका - कविता - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
जन्मों का वादा था, राह में ही वो छोड़ गई। था नाज़ुक सा हृदय मेरा, जिसको वो तोड़ गई। प्राण बसे है तुझमें मेरे, ऐसी बातें करती थी। हर …
कहाँ हो तुम अनुपस्थित? - कविता - राजेश 'राज'
फूलों में जो मृदु सुवास है विमल इन्दु में जो उजास है मलय पवन जो लिए गीत है तटिनी का जो प्रिय संगीत है सबमें तुम हो पुलकित कहाँ हो तुम…
जवाँ मदहोश आँखों में - गीत - सुधीरा
जवाँ मदहोश आँखों में, छुपी है नीर की बदली, छुपी है नीर की बदली। ये अंदर से भरी हुई, ये दिखती है जो इक पगली, ये दिखती है जो इक पगली। जव…
चाहत - कविता - गणेश दत्त जोशी
तेरी ख़ुशबू से पल-पल महकता रहा है मेरा, भला और क्या मैं चाहूँ? हर क्षण हर पल बस तेरा ही साथ माँगूँ। तू ही तो बसा है मेरे रोम-रोम में, …
मुझे ख़बर ही नहीं - कविता - राकेश कुशवाहा राही
ये ज़माना है तुम्हारा हर ख़ुशी है तुम्हारी लोग करते है बातें बहुत सी यहाँ मुझे ख़बर ही नहीं मैं बेख़बर ही सही। बादल भी है बेवफ़ा सा ज़र…
फ़र्क़ तो पड़ता है - नज़्म - मनोरंजन भारती
तेरा साथ ना होना तुमसे बात ना होना, बेज़ुबाँ हर रातों में कच्ची नींद में सोना, मन बाबरा किसी भी ओर चल पड़ता है, तेरा संग होना ना होना…
क्या यही था, दोष मेरा? - कविता - सौरभ तिवारी 'सरस्'
निष्कामना की प्रीति हिय में धार कर, और विषमताओं के बंधन पार कर, प्रिय तेरी मुस्कान था परितोष मेरा, क्या यही था, दोष मेरा? इक कहानी जिस…
चलो इक बार फिर से - कविता - ऊर्मि शर्मा
चलो इक बार फिर से अजनबी रास्तों पे चुपचाप चले, अपनी ख़ामोशीयों में गुम ख़ुद को दोहरातें समाज के तोड़ बंधन-दीवारें चलो अंतहीन दूरियों…
अगर साथ देते जो - गीत - प्रमोद कुमार
अगर साथ देते जो, तुम भी हमारे, तो रख देते क़दमों में, दुनिया तुम्हारे। सरल सुखदायी, सुन्दर सुशील हो, निर्मल हो पावन ज्यूँ, गंगा के धारे…
प्रेम - कविता - गणेश दत्त जोशी
सोचा भी नहीं न देखा है, मिला भी नहीं पर कोई गिला भी नहीं है, हाँ सच तो यही है वो जैसा भी है मेरा ही तो है। मेरे रोम-रोम में, मन के विस…
लबों पे आया तेरा नाम जाने क्या बात है - ग़ज़ल - दिलीप सिंह यादव
अरकान : मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन मुफ़ाईलु फ़ाइलुन तक़ती : 2212 2212 1221 212 लबों पे आया तेरा नाम जाने क्या बात है, सपने में मैंने देखा…
रहने दो अभी - कविता - नौशीन परवीन
रहने दो अभी रहने दो अभी फ़िलहाल मुझे किसी का प्रेम स्वीकार नहीं करना ना गोपनीय ना उजागर व्यर्थ विषाद में डूबकर अपना उन्मुक्त भरा जीवन…
रूह तक को भी छू गया वो मेरे - ग़ज़ल - रंजना लता
अरकान : मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन तक़ती : 1222 122 122 122 रूह तक को भी छू गया वो मेरे, वो ख़ुशबू है, चाँदनी है, दुआ है, क्या है? ज़ि…
कोरा पन्ना - कविता - दिलीप सिंह यादव
मैं जब भी अपने दिल के कोरे पन्ने पर तुम्हारा नाम लिखता हूँ मेरी आँखों से आँसू निकलने के लिए व्याकुल हो उठते हैं और मेरे मन की वेदनाएँ …
पति-पत्नी का प्यार - कुण्डलिया छंद - भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क'
दिन कटता कशमकश में, रात रार ही रार। किन गलियों में खो गया, पति-पत्नी का प्यार॥ पति-पत्नी का प्यार, दिख रहा अंजानों सा। पीठ खाट पर जोड़,…
फ़ासला नज़दीकियों का मूल है - ग़ज़ल - ममता शर्मा 'अंचल'
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन तक़ती : 2122 2122 212 फ़ासला नज़दीकियों का मूल है, ज्यों गुलाबों का सहारा शूल है। इक ज़रा सी बात पर न…
द्वारिका में बस जाओ - कविता - अंकुर सिंह
वृंदावन में मत भटको राधा, बंसी सुनने तुम आ जाओ। कान्हा पर ना इल्ज़ाम लगे, फिर तुम उसकी हो जाओ। रुक्मिणी, सत्या, जामवंती संग तुम द्वारिक…
आ भी जाओ - कविता - कमला वेदी
आ भी जाओ तुम लौटकर मैंने मन्दिर सा घर सजाया है। रंगीन पुष्पों और दिखावे से नहीं हृदय को पुष्प बन बिछाया है। पल-पल सींचा आँसुओं से प्रे…
मुहब्बत एक-तरफ़ा थी - नज़्म - प्रशान्त 'अरहत'
बहुत बरसों बरस पहले मेरे कॉलेज कि इक लड़की हमारे पास आई थी मेरा बस नाम पूछा था। मैं ठहरा गाँव का लड़का उसे फिर आँख भर देखा बहुत नादान …
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