अगर साथ देते जो, तुम भी हमारे,
तो रख देते क़दमों में, दुनिया तुम्हारे।
सरल सुखदायी, सुन्दर सुशील हो,
निर्मल हो पावन ज्यूँ, गंगा के धारे।
अगर साथ देते जो...
सफ़र ज़िंदगी का, कटता मजे में,
हमराह बनकर जो, चलते हमारे।
अगर साथ देते जो...
चाहत थी संग तेरे, उड़ूँ मैं गगन में,
जन्नत से तोड़ लाऊँ, चाँद और तारे।
अगर साथ देते जो...
सोचा था तुमको, बनाके बँसुरिया,
छेड़ूँ मैं तान सुन्दर, प्रीत के प्यारे।
अगर साथ देते जो...
हँसकर लगा लेते, मुझको गले से,
भूल जाता जीवन के, दुख-दर्द सारे।
अगर साथ देते जो...
मैं मर मिटा था बस, तेरी अदा पर,
जीना क्या जो हो तेरे, नैनों के मारे।
अगर साथ देते जो………
ये माना कि ग़लती है, सारी हमारी,
ना होता ये पल भर जो, करते इशारे।
अगर साथ देते जो...
प्रमोद कुमार - गढ़वा (झारखण्ड)