अरकान : मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन मुफ़ाईलु फ़ाइलुन
तक़ती : 2212 2212 1221 212
लबों पे आया तेरा नाम जाने क्या बात है,
सपने में मैंने देखा इश्क़ की कायनात है।
इस कायनात में मैं और तुम कहीं खो न जाएँ,
अब तो बस करनी हमें इश्क़ की बात है।
थे कितने बरसों से जुदा न कभी मिल पाए थे,
ये तो अपने इश्क़ की पहली मुलाक़ात है।
पहली ही मुलाक़ात में तुमने होंठों को छू लिया,
है तुम्हें मुझसे इश्क़ ज़्यादा या कोई घात है।
दिलीप सिंह यादव - कौशाम्बी (उत्तर प्रदेश)