संदेश
हम माटी के प्रेमी किसान हैं - कविता - गोलेन्द्र पटेल
गाय, बैल, ट्रैक्टर, थ्रैशर, खेत व खलिहान हमारी पहचान हैं हमारे बेटे सरहद के जवान हैं हमारी हथेलियों में कुदाल, खुरपी, फरसा व हँसिया के…
यादें - कविता - ब्रज माधव
ऊँची आलमारी पर रखी कोई धूल में लिपटी किताब उसके फटे पन्ने की अधूरी कहानियों को कोरे काग़ज़ पर एकाकी गुनगुनाते किसी याद से जन्म लेती है …
माँ नव दुर्गा पचासा - चौपाई छंद - सुशील कुमार
दोहा:- मातु पिता गुरु नाय सिर, प्रथम मनाय गणेश। कारज आय सॅंवारिए, बह्मा, विष्णु, महेश॥ जय जय माँ जगदम्बिका, करो कंठ में वास। कीरति गाऊ…
जय माता दी वन्दना - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
शुक्ला आश्विन मंगला, शारदीय त्यौहार। नव दुर्गा आराधना, कीर्ति मिले सुख सार॥ अभिनन्दन स्वागत करें, नवरात्रि त्यौहार। पूजन नित नवशक्त…
माँ ब्रह्मचारिणी - गीत - उमेश यादव
ब्रह्मचारिणी हे माँ दुर्गे, तप करने की शक्ति दो। ज्योतिर्मयि हे मातु भवानी, चरणों में अनुरक्ति दो॥ विश्व रचयिता हे जगदम्बा, सारे विद…
सिंह चढ़ के आई दुर्गा - गीत - कमल पुरोहित 'अपरिचित'
सिंह चढ़ के आई दुर्गा गीत मंगल बज रहा। घर गली चौराहों पर मंडप तेरा माँ सज रहा॥ शांत कोमल रूप माँ का शांति देकर जाएगा। सारे ब्रह्मांड…
मुस्कुराहट - कविता - अमृत 'शिवोहम्'
मंद हवा में लहराते तुम्हारे बाल जब तुम्हारे होठों पर आते हैं... और तुम्हारे दोनों डिंपल होठों से सटकर 180 डिग्री का सरल कोण बनाते है…
हे पार्थ! सुनो केशव के मन की पुकार - कविता - सिद्धार्थ 'सोहम'
हे पार्थ! सुनो केशव के मन की पुकार। गांडीव अगर धर सकते हो मानो की भूले क्षत्रिय धर्म, लुटती द्रौपदी की इज़्ज़त को लुटता नारीत्व सौभाग…
वह तुम हो - कविता - रोहित सैनी
"अर्धनारीश्वर" की "अवधारणा" तुम्हीं से पूर्ण होगी "पायल" "डमरू" की डम-डम में जो छन-छन है उधार!…
हर कलम यहाँ शमशीर है - गीत - श्याम सुन्दर अग्रवाल
अपना हर आँगन नेफ़ा है, हर बगिया कश्मीर है, स्याही की हर बूँद लहू है, हर कलम यहाँ शमशीर है। हम आँगन के रखवारे हैं, औ' बगिया के माली …
हनुमान - सवैया छंद - सुशील कुमार
सीय हरी जब रावण सिंधु को लांघि मिलाए दिए बजरंगी। रावण के अभिमान गुमान का लंक जलाए दिए बजरंगी॥ प्रश्न उठा जब राम की भक्ति प्रमाण दिखा…
चाहता हूँ - कविता - गणेश भारद्वाज
जाने दो मुझे, चाँद के घर थोड़ी शीतलता उधार लाना चाहता हूँ। उतरने दो मुझे, थोड़ा और गहरा मोती सागर तल से लाना चाहता हूँ। गाने दो मुझे, …
जीवन अनुभव - कविता - राजेश 'राज'
जीवन की पुस्तक में देखा, चंद पंक्तियाँ लिखी गई हैं। पर बड़ी सार्थक वे सारी हैं, बमुश्किल दो ही पढ़ी गईं हैं॥ कर्मों का लेखा था गूढ…
जीवन में एक क्षण ऐसा आता है - कविता - रूशदा नाज़
एक क्षण ऐसा आता है कई वर्ष के संघर्षों के बाद मिलती असफलताएँ, निराशाओं को हम आनंद के रूप में लेते हैं आज नहीं तो कल अच्छा होगा स्वप्न …
गुल्ली डंडा - गीत - उमेश यादव
मचल रहा मन बहुत आज हम चलें गाँव की ओर। उठा हाथ में गुल्ली डंडा, ख़ूब मचाएँ शोर॥ कितना मनभावन होता है, बच्चों के संग खेलें। लकड़ी के ग…
ख़ुश्क तबियत हरी नहीं मिलती - ग़ज़ल - गिरेन्द्र सिंह भदौरिया 'प्राण'
अरकान : फ़ाइलुन फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन तक़ती : 212 212 1222 ख़ुश्क तबियत हरी नहीं मिलती, और फिर रसभरी नहीं मिलती। लोग कहते कि चाँदनी देखो, …
बदलो जीवन चरित को - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
बदलो जीवन चरित को, भर पौरुष सतरंग। रखो भाव पावन हृदय, भारत भक्ति उमंग॥ बढ़ो अटल संकल्प पथ, बनो राष्ट्र पहचान। परमारथ पौरुष सफल, परह…
अनोखा स्वप्न - कविता - प्रवीन 'पथिक'
हर उदासी की, एक कहानी होती है। जिसे पढ़ना, सब पसंद करते हैं। भोगना नहीं। हर कहानी में एक दर्द होता है! जो भले हृदय में न हो, पर,…
विद्यालय संग सात दिवस - बाल कविता - रविंद्र दुबे 'बाबु'
सोमवार को भोर हुआ, स्कूल जाने बड़ शोर हुआ। मंगलवार दिन बड़ा सुहाया, दोस्तो का हैं साथ दिलाया। बुधवार को सब मस्ती करते, टीचर पढ़ात…
नदी और बाढ़ - कविता - डॉ॰ प्रियंका सोनकर
नदी में बाढ़ का आना उसकी आँखों में चमक आना था इस बार बूढी दादी को छोटी-छोटी मछलियाँ याद आई साथ याद आया उसे अपना बचपन गवना से पहले जब…
जो न समझते पाक मुहब्बत - ग़ज़ल - ममता शर्मा 'अंचल'
जो न समझते पाक मुहब्बत, उन ख़ातिर है ख़ाक मुहब्बत। जिन्हे तजुर्बा नहीं इश्क़ का, उनको रहती ताक मुहब्बत। नफ़ा खोजते हैं जो इसमें, उनकी…
तुम पर दाग़ है - रेखाचित्र - ईशांत त्रिपाठी
सोलह वर्षीय एकलौता बेटा हर्शल अपने पिता के डाँट से आहत भीतर ही भीतर चूर हो चुका था। जबसे उसे चेतना मिली तबसे आज तक अपने ऊपर होते कटु व…
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