बदलो जीवन चरित को - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
रविवार, अक्तूबर 08, 2023
बदलो जीवन चरित को, भर पौरुष सतरंग।
रखो भाव पावन हृदय, भारत भक्ति उमंग॥
बढ़ो अटल संकल्प पथ, बनो राष्ट्र पहचान।
परमारथ पौरुष सफल, परहित जीवन दान॥
आन बान आदर वतन, बनो राष्ट्र वरदान।
राष्ट्र प्रथम मानो हृदय, राष्ट्र धर्म सम्मान॥
नश्वर सत्ता क्षणिक सुख, माने जीवन सार।
अहंकार के अनल में, जलने को तैयार॥
कठिन तपस्या ज्ञान की, श्रम आश्रित सुख त्याग।
अविरत नियमित साधना, अटल ध्येय अनुराग॥
तजो लोभ मद मोह को, भौतिक सुख संसार।
भजो मनुजता धर्म को, नीति प्रीति उपहार॥
बन सुपुत्र माँ भारती, चहुँ मुख राष्ट्र विकास।
रक्षित सीमा चहुँ वतन, शक्ति भक्ति आभास॥
सार्वभौम भारत रहे, जनहित हो सरकार।
इत्र बनो विकसित वतन, भारत जय गुंजार॥
दुर्लभ जीवन मनुज का, करो सुपथ उपयोग।
रखो विपद सम्वेदना, मदद प्रेम क्षण रोग॥
समता ममता दया रस, खिले अधर मुस्कान।
यश सुगन्धि फैले वतन, संविधान रसभान॥
मानवता सबसे बड़ा, रक्षण भारत धर्म।
अन्तर्मन समरस करुण, क्षमा शील हिय मर्म॥
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर