एक क्षण ऐसा आता है
कई वर्ष के संघर्षों के बाद
मिलती असफलताएँ,
निराशाओं को हम आनंद के रूप में लेते हैं
आज नहीं तो कल अच्छा होगा
स्वप्न बिगड़ जाते हैं
मेहनत हार जाती है
ईश्वर रूठ जाता हैं
परिश्रम से यक़ीन उठ जाता है
लेकिन,
जीवन को आनंद के रूप में लेते हैं
आज नहीं तो कल अच्छा होगा
एक क्षण ऐसा आता है
अनगिनत तारों के मध्य चन्द्रमा बनना चाहते हैं
हर निराशाओं में जीवन का आनंद लेते हैं
आज नहीं तो कल अच्छा होगा।
रूशदा नाज़ - वाराणसी (उत्तर प्रदेश)