अनोखा स्वप्न - कविता - प्रवीन 'पथिक'

अनोखा स्वप्न - कविता - प्रवीन 'पथिक' | Hindi Kavita - Anokha Swapn - Praveen Pathik. Poem On Dream | स्वप्न पर कविता
हर उदासी की, 
एक कहानी होती है। 
जिसे पढ़ना, सब पसंद करते हैं। 
भोगना नहीं। 
हर कहानी में एक दर्द होता है! 
जो भले हृदय में न हो, 
पर, आँखों मे होता है। 
जिसे देखना सब चाहते हैं, 
पाना नहीं। 
यूँ तो ज़िन्दगी कट ही जाती है, 
वैभव और सम्पन्नता के बीच। 
या,
दुःखों के महासागर में। 
पर, एक टिश! 
जो, 
जीवन पर्यंत कुरेदती है उन घावों को, 
जिसे हमने जन्मा था। 
उन यादों का आना तो आसान होता है;
पर, रोकना नहीं! 


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