संदेश
मैं बाती हूँ - कविता - गणपत लाल उदय
मैं एक बाती हूँ हर रोज में जलती हूँ। जलकर अंधेरा मिटाती हूँ प्रकाश सभी तक पहुँचाती हूँ।। मुझें कोई याद नहीं करता क्यों कि मैं दी…
अबकी दीवाली से पहले - कविता - सन्तोष ताकर "खाखी"
फुर्सत के दो पलो में, वो खुशियों कि मुलाक़ात याद आ गई इस दीवाली से पहले, मेरी हर रौनक तुझसे थी इस बेदर्द बिछड़न से पहले। मुझे याद है व…
बाबा साहेब को भूल रहे तुम - कविता - अरविन्द कालमा
भारतीय संविधान हमने बेसिक पढ़ा है जिसे डॉ.भीमराव अम्बेडकर ने गढ़ा है उन्होंने दिए समानता और प्रेम के सन्देश पथ पर उनके चल बहुजन आगे बढ़ा …
कुछ करना चाहूँ - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
बालिका शिक्षा को समर्पित रचना मैं अपनी उम्मीदों को पँख लगाकर , बहुत ऊँची उड़ान भरना चाहूँ । इस अनमोल नारी (बालिका) जीवन में , मैं पढ़…
ख़ामोशी एक सदा - कविता - कर्मवीर सिरोवा
खुशियाँ मोबाईल हो चली, पीपल तले खामोशियाँ मिली। बेमतलब की बातें इतनी हुई, नफ़रतों को इससे हवा मिली। राजनीति ने अब हुँकार भरी, दिलों में…
समझदार मुहब्बत - कविता - भागचन्द मीणा
मैं निहारता रहूँ तुम्हें और सुबह से शाम हो जाए, चर्चे मुहब्बत के अपने शहर भर में आम हो जाए। हम खोऐ रहें अपनी प्यार भरी बातों में इस…
नारी सम्मान - कविता - गणपत लाल उदय
नारी तुम हो बहुत महान सभी करते तेरा गुणगान। तुम ही हो करूणा का रूप सहनशील, अन्नपूर्णा स्वरुप।। तुमसे ही मानव जग आया धरती पर शान-शोकत …
सत्यमेव जयते - कविता - विकाश बैनीवाल
सत्य सुन्दर है, सौम्य सुदर्शन है सत्य खुद्दार, सत्य की जीत है, सरसता, कोमलता सत्य वाणी में सौहार्द, सत्य के प्रेम की प्रीत है। सत्…
संघर्ष सफलता की कुंजी है - आलेख - मधुस्मिता सेनापति
संघर्ष एक ऐसा अनुभव है, जो जीवन में आने वाली हर एक पड़ाव को पार करने के लिए एक मूल्यवान अस्त्र के तरह हमारे सामने आ खड़ी होती है। बिना…
माँ बनकर - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
कौन कहता है कि मैं लाचार हूँ, देखो न मेरा बेटा मेरा आधार है, मुझे गर्व है कि मैंनें ऐसा लाल जना है, ऐसे बेटे पर किस माँ को गर्व नहीं …
कलम की मिसाल - कविता - आशाराम मीणा
कलमकार हूँ कलम की मिसाल लिखता हूँ। नापाक दिलो को पाक करे वो नजीर लिखता हूँ।। जो टूट चुके उन पैमानों का नाप लिखता हूँ। इंसानियत को राह …
दिवाली - गीत - डॉ. अवधेश कुमार अवध
कोई तो हमको समझाये, होती कैसी दिवाली। तेल नदारद दीया गायब, फटी जेब हरदम खाली। हँसी नहीं बच्चों के मुख पर, चले सदा माँ की खाँसी। बापू…
तेरे मेरे दरमियान - कविता - वरुण "विमला"
कुछ बचाने, छुपाने के बीच रह जातीं हैं पैरों की छाप साँसों की गर्मी धड़कन की उथल-पुथल दिमाग़ की तेजी औ उसका सन्नाटा। जिस पर आप ओढ़ा देते …
डर जाता हूँ - ग़ज़ल - मोहम्मद मुमताज़ हसन
डर जाता हूँ अक्सर- अपनी ही परछाई से बिछोह, दर्द और स्याह- रातों की तन्हाई से हुक सी उठती है दिल में महबूबा की बेवफाई से या रब मौत …
महल शान्ति का हो चमन - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
तरुणाई आशा महल, आज विश्व आधार। नव ऊर्जा निर्माण का, नव विकास उपहार।।१।। नया जोश कर्तव्य रत, स्वप्न महल अरमान। युवाशक्ति निर्मातृ जग, र…
माँ के चरणों में - कविता - रमाकान्त सोनी
माँ के चरणों में स्वर्ग बसा दूनिया के चारो धाम वहां सारे तीर्थों से बड़ा तीर्थ ममता की मूरत जननी माँ उसके आशीष में जीवन है सारे ग्रन्थ…
मर गयी है इंसानियत - कविता - विजय कुमार निश्चल
मर गयी है इंसानियत फैल रही है हैवानियत मासूम बच्चियों से बलात्कार खो रही है आदमियत बेटियाँ घर से बाहर निकलते डरती है जैसे तैसे वहशी बु…
मधुबन जैसी उदारता - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
बन प्रसून खुशबू बिखरा दो, पुष्प हृदय सी विशालता। तालमेल काटो संग सीखो, मधुबन जैसी उदारता। पुष्प सिखाता परिवर्तन को, यही पुष्प की महा…
विधवा पेंशन - हास्य कविता - सुधीर श्रीवास्तव
पति पत्नी में बड़ा प्यार था, मगर अचानक एक दिन पत्नी को जाने क्या सूझी पति से बोली तुम्हारे दिमाग तो है ही नहीं। पति चौंका आंय ऐसा भी है…
दिल करता है - कविता - सन्तोष ताकर "खाखी"
कोई हैं जो रूठा था, मनाने को दिल करता है। कोई हैं जो गीत था, गुनगुनाने को दिल करता हैं। कोई है जो दोस्त से थोड़ा ज्यादा था, दीवाना कहन…
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