माँ के चरणों में स्वर्ग बसा
दूनिया के चारो धाम वहां
सारे तीर्थों से बड़ा तीर्थ
ममता की मूरत जननी माँ
उसके आशीष में जीवन है
सारे ग्रन्थों का सार भरा
सदा फूलो फलो यश पाओ
कभी आकर न घेरे कोई जरा
बचपन से माँ की नजरों में
सुशिक्षा स्नेह संस्कार मिला
जब सर पर मुश्किल आई
माँ का आँचल तैयार मिला
ममता भरी थपकी देकर माँ
हर काम को सफल बना देती
मत घबराना कभी जीवन में
हिम्मत हौसला खूब बना देती
रमाकान्त सोनी - झुंझुनू (राजस्थान)