संदेश
प्रेमधुनी मधुमीत - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
बजे मुरलिया प्रेमधुन, चहुँदिशि भाव विभोर। दौड़ी आयीं गोपियाँ, राधा मन चितचोर।।१।। मनमोहन अभिनव मधुर, वंशीधर सुर राग। देख विमोहित राधि…
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ - कविता - अन्जनी अग्रवाल "ओजस्वी"
अजन्मी बेटी, करती पुकार। मत करो, मेरे आस्तित्व का तिरस्कार।। मैं भी तो हूँ, तेरी कल्पना। दूँगी बना, तेरा जीवन अल्पना।। दे दो मेरे, अस…
बाँझ - कविता - कर्मवीर सिरोवा
वो माँ जो बाँझ कही गई, समाज की फब्तियों से रोज मारी गई, जिसे लानतें फेंकी गई, जिसकी आँखों से अश्रुधार बहती रही; आज उसने आँसुओ को पोंछ …
दूर है न पास है - ग़ज़ल - ममता शर्मा "अंचल"
ये दिल बहुत उदास है, न भूख है, न प्यास है न मन्ज़िलों की है ख़बर न मिलने की भि आस है समझ को छोड़कर गयी, समझ ग़ज़ब हुआ सुनो वो ग़ैर है कि मीत…
सवेरा - कविता - कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी
इंतजार में धीरे-धीरे एक सवेरा निकल चला, अंधकार से ढ़का आसमां एक उजेला निकल चला। चाँद भी धीरे-धीरे गगन में मंद मंद मुस्काए रहा, कंचन…
सौतेला - कहानी - सुधीर श्रीवास्तव
माँ को रोता देख रवि परेशान सा हो गया। पास में बैठे गुमसुम बड़े भाई से पूछा तो माँ फट पड़ी। उससे क्या पूछता है? मैं ही बता देती हूँ आज ते…
सपनों साजन को - राजस्थानी कविता - आशाराम मीणा
मन माय मोर नाछ रया मिठी मिठी आवे हांसी, भाभी मारी फोन कर तो बात बताहू सांची। सपना माय साजन आया पकड़ी मारी बाय, मन मोहक सी बाता लाग्या…
मान्यवर कांशीराम साहब जी - कविता - निशा राज अम्बेडकर
बड़ा ताकतवर था वो शक्श, जो अम्बेडकर को फिर से जिंदा कर गया!! बुद्ध, फुल्ले, शाहू, पेरियार, अम्बेडकर का सच्चा वारिस था वो, जो उनके अधूर…
नयी भोर नव आश मन - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
नई भोर नव आश मन, नव अरुणिम आकाश। मिटे मनुज मन द्वेष तम, मधुरिम प्रीति प्रकाश।।१।। मार काट व्यभिचार चहुँ, जाति धर्म का खेल। फँसी सियास…
दाग़ यही अच्छे हैं - कविता - मोहम्मद मुमताज़ हसन
बेशरमी का जो कोठा है कहते उसे देश की शान है! होता 'संस्कृति' का चीरहरण दुःखी देश का सम्मान है! शर्म लगे कहने में 'अभिनेता&…
निर्गुण भजन - गीत - संजय राजभर "समित"
देख कठिन तमाशा रो दिया। हाय! दुर्लभ जीवन खो दिया।। लोकहित था मानव का धर्म, फिर भी क्यों नही समझा मर्म। निज पथ पर काँटे बो दिया। हाय! द…
पप्पू-गप्पू ने पछाड़ दिया - हास्य व्यंग्य (आलेख) - डॉ. अवधेश कुमार अवध
साहित्य विहीन सस्ते चुटकुले व जोक्स सामान्य जन को सदैव हँसने का अवसर देते रहे हैं। आज के साहित्य में हास्य खोजना, रूई के ढेर में सुई ख…
मैं कातिल हूँ - कविता - नीरज सिंह कर्दम
यह तो साफ हो चुका है कि इंसान की शक्ल चमचे जैसी ही नही होती है, दोनों हाथों में तलवार लिए लाल आँखे, शेर जैसी दहाड़ मारती हुई वो तस्वीर…
सियासत - ग़ज़ल - वरुण "विमला"
सियासत की वफादारी पे शक करना बुरी बात थोड़े है आज के लोगो की यारी पे शक करना बुरी बात थोड़े है साहिब-ए-मसनद की बातें ही पत्थर की लकीर, …
क़ब्र से - कविता - शिवम् यादव "हरफनमौला"
जब मैं जिंदा था तब मुझको, पानी तक ना दे पाए तुम। और आज क़ब्र पर मेरी, पानी देने आए हो तुम।। जब मैं जिंदा था तब मुझको, कभी खुश होकर मन स…
सीख अमिताभ बच्चन से - आलेख - अंकुर सिंह
बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ का जन्म 11 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (वर्तमान का प्रयागराज) जिले में हिंदी साहित्य के एक बड़ी हस्ती…
कहीं-कहीं पे - कविता - भागचन्द मीणा
मन बैचेन हो उठता है अनजान कहीं पे। सुकुन मानो गायब हो जाता है कहीं पे। शायद किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाता है मन वक्त जैसे ठहर जाता है कहीं…
जनमत समझो मंत्र - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
जनता से सत्ता बनी, जनता से गणतन्त्र। जनता दे सत्तावनत, जनमत समझो मंत्र।।१।। करो प्रगति जनता सदा, चिन्तन जन कल्याण। निर्भय सम्बल जब प्…
वो बुढ़िया - कविता - सलिल सरोज
वो बुढ़िया कल भी अकेली थी, वो बुढ़िया अब भी अकेली है। चेहरे की झुर्रियाँ पढ़ कर पता चलता है, उसने कितने सदियों की पीड़ा झेली है। पति छोड़ …
मैं दीन - हीन लघु दीप एक - गीत - डॉ. अवधेश कुमार अवध
मैं दीन - हीन लघु दीप एक, थोड़ा - सा स्नेह प्रदान करो। रख दो गरीब की कुटिया में, उनकी रजनी भी जाग उठे। आँगन में कुछ खुशहाली हो, उनके …
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