वरुण "विमला" - बस्ती (उत्तर प्रदेश)
सियासत - ग़ज़ल - वरुण "विमला"
सोमवार, अक्तूबर 12, 2020
सियासत की वफादारी पे शक करना बुरी बात थोड़े है
आज के लोगो की यारी पे शक करना बुरी बात थोड़े है
साहिब-ए-मसनद की बातें ही पत्थर की लकीर, सच्ची
अंध भक्तों की होशियारी पे शक करना बुरी बात थोड़े है।
हुआ है हुक़्म सभी महफ़ूज़ तैयारी आले दर्जे की है
साहब की तैयारी पे शक करना बुरी बात थोड़े है।
लुट रहा सब कुछ यहाँ लाखों चौकीदारों की निगरानी में
चौकीदारों की पहरेदारी पे शक करना बुरी बात थोड़े है।
जिसके खाने के दाँत अलग दिखाने के अलग हों वरुण
उसकी अदाकारी पे शक करना बुरी बात थोड़े है।
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