संदेश
माँ होती है अन्तर्यामी - संस्मरण - सुषमा दीक्षित शुक्ला
इस बात को मैंने महसूस किया है कि माँ अन्तर्यामी ही होती है। बात उन दिनों की है जब मैं महिला कल्याण निगम के श्रमजीवी महिला आवास लख…
उम्मीद अभी भी बाँकी है - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
नित जीवन के नूतन सपने, अरमान सजाना बाँकी है। अभिलाषा नव प्रीति मिलन के, उम्मीद अभी भी बाँकी है। यायावर हम…
तुम याद आती हो - मुक्तक - बजरंगी लाल
मैं सब कुछ भूल जाता हूँ मगर तुम याद आती हो, मेंरे सपनों में आकर तुम मुझे अब भी सताती हो। बता दो जुर्म क्या मेंरा,क्या गलती किया मै…
जिंदगी की परिभाषा - कविता - समुन्द्र सिंह पंवार
कभी जिंदगी एक वीराना है, कभी सफर ये सुहाना है । इस सफर को हंस कर जो काट गया, जिंदगी को उसी ने जाना है ।। कभी लगती ये बहार है ,…
सहरा - ग़ज़ल - दिलशेर "दिल"
होंटों पे अपने प्यास की शिद्दत लिए हुए। सहरा में आया आब की हसरत लिए हुए। कुछ ख़ास दोस्तों की बदौलत विदा हुए, दिल मे हज़ार ज़ख़्मों क…
स्वस्थ मानसिकता का सबसे बड़ा राज योग है - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
"करे योग रहे निरोग" यह एक अमोघ मंत्र है, इसे अपनाना होगा। योग हमारे देश की प्राचीन परंपरा का ही हिस्सा है। योग तो आ…
उम्मीद में ही ऊर्जा का संचार है - लेख - शेखर कुमार रंजन
आजकल इंसान बहुत बड़े-बड़े सपने देखते हैं किन्तु उस अनुपात में कार्य नहीं करते हैं जिसके कारण सपने सपने ही रह जाते है वह वास्तव में कभ…
सृजन नया अविराम - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
यश पथ पर बढ़ते चलो , रहो धीर गंभीर। भूलो बीती जिंदगी , यायावर रणधीर।।१।। छँटे कालिमा रात की , शुभ चिन्तन क…
दर्द - ग़ज़ल - प्रदीप श्रीवास्तव
दर्द के गाँव में आशियाना मेरा । अश्क़ से ख़ास है दोस्ताना मेरा।। जिसपे था घोंसला वो शजर कट गया, दर-व-दर हो गया फिर ठिकाना मेर…
स्वदेशी अपनाओ जी - कविता - सौरभ तिवारी
अपनी शक्ति को पहचानो खुदमें विश्वास जगाओ जी छोड़ो वैसाखी से चलना स्वदेशी अपनाओ जी .. चीर के सीना धरती का सोना निकालना आता है द…
तेरी तिरछी नजरिया मेरा चैन ले गई - गीत - दिनेश कुमार मिश्र "विकल"
तेरी तिरछी नजरिया, मेरा चैन ले गई। मेरी रातों की निंदिया, ही चुरा ले गई । तेरी यह चितवन, मेरा हृदय ले गई। मुझको वो यूं ही, बेताब…
कोरोना VS मानव जाति - कविता - मधुस्मिता सेनापति
हम डरेंगे नहीं, मिलकर लड़ेंगे अभी, मिलकर उपाय निकालेंगे, और बचेंगे सभी.......... कोरोना से बचने के लिए रहेगा यही सन्देश, कोरोना …
बापू अब सपने मे आते - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
खुली आंखों से बाट निहारूँ, बापू अब सपने में आते। मन ही मन में रोज पुकारूं , बापू अब सपने में आते। स्वप्न देश के वासी बापू , रस…
उम्मीद - ग़ज़ल - प्रदीप श्रीवास्तव
हँसने की उम्मीद नहीं, दिखती है चेहरे पर । पहले सी तस्वीर नहीं, बनती है चेहरे पर ।। कुछ अन्जानी पीर भरी है, इस मन के भीतर, बस अब …
सूर्यग्रहण - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज''
आज निशाकर है मुदित , ग्रहण कर रहा सूर्य । सदी का सबसे बड़ा , सूर्य ग्रहण सम्पूर्य।।१।। रहें गेह दर्शन ग्रहण , …
आलोचना से मनोबल ना टूटे - लेख - शेखर कुमार रंजन
वर्तमान समय को देखते हुए मैं यह कहने पर मजबुर हो गया हूँ, कि इंसान को अपनी शौक़ और मंजिल के बारे में कभी भी किसी को नहीं बताना चाहिए…
छल-छद्म से दूर रहकर, परोपकार में लगूं - दोहा - दिनेश कुमार मिश्र "विकल"
हरित-पहाड़ों, फूलों की, महक हो जगदीश। सत्यम्-शिवम्-सुंदरम् हो,शुभम द्वारिकाधीश।। स्वस्थ जीवन का प्रभु! दो, कुछ ऐसा महादान। हम स…
मेरे पापा - कविता - आकांक्षा भारद्वाज
मेरी छोटी-सी ख्वाहिश उनके लिए जैसे कोई सपना है उसे पूरे करने की होड़ में लगाते जी-जान अपना है।। रोती हूँ मैं तो आँसू उनके बहते …
वीरों का ले अरि से हिसाब - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
वीरों का ले अरि से हिसाब। चीनी शोणित से खेल फाग । ऐ! राष्ट्र शक्ति अब जाग जाग । ऐ! शक्ति पुँज अब जाग जाग । रणचण्डी तेरे ख…
पिता आप भगवान - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
आनंदित निज पूत पा , किया समर्पित जान। पिता त्याग सुख शान्ति को ,पूरण सुत अरमान।।१।। लौकिक झंझावात को , पिता सहे चुपचाप।…
परिवर्तन ही जीवन है - लेख - शेखर कुमार रंजन
मुझे लगता है कि वैसे इंसान ज्यादा दुखी रहते है जो दूसरों के बारे में ज्यादा सोचते रहते हैं क्योंकि दूसरों के बारे में सोचने से सिर्…
गुस्से में हर हिंदुस्तानी है - कविता - समुन्द्र सिंह पंवार
चाईना आंख दिखाकर हमको , करता तु मनमानी है । ईंट का जवाब पत्थर से देंगे, गुस्से में हर हिंदुस्तानी है । छुरा पीठ में घोंपा तुमने…
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर