उम्मीद में ही ऊर्जा का संचार है - लेख - शेखर कुमार रंजन

आजकल इंसान बहुत बड़े-बड़े सपने देखते हैं किन्तु उस अनुपात में कार्य नहीं करते हैं जिसके कारण सपने सपने ही रह जाते है वह वास्तव में कभी पूरे होतें ही नहीं है। आजकल दुनिया में एक ऐसा दौड़ चल रहा है, कि कोई मेहनत करता है तो ऐसा उसे लगता है कि वो मेहनत करके किसी और पर उपकार कर रहा है लोगों की ऐसा मनोदशा देखकर एक ओर उसपे दया आती है तो दूसरी ओर उसपे गुस्सा भी आता है गुस्सा इसलिए आता हैं कि आखिरकार लोग यह क्यों भूल जाते हैं कि वह मेहनत करके खुद के जीवन को सँवार रहे होते हैं न कि किसी और के जीवन को संवार रहे होते हैं। कुछ बच्चे तो अपनी पढ़ाई या फिर कोई भी कार्य करके यह जताते रहता है जैसे वह अपने माता-पिता पर उपकार कर दिया हो। कभी कभी तो बच्चे कामचोरी, बहानेबाजी, टाईमपास आदि करके यह सोचता है कि वह अपने माता पिता एवं गुरू को वेबकूफ बनाने में सफल हो गया है। लेकिन वह ऐसा सोचता है, तो वह बिलकुल गलत है वह किसी और को नहीं वरन स्वयं को वेबकूफ बना रहा होता है। मैं यह टिप्पणीयां सिर्फ विद्यार्थियों के संदर्भ में ही करना नहीं चाहूँगा अपितु आपका कार्य क्षेत्र चाहे जो भी हो उससे न्याय कीजिए। पूरी योग्यता, समर्पण और ईमानदारी से अपना कार्य कीजिए यदि आप विद्यार्थी है, तो बहुत रुचि लेते हुए पढ़ाई कीजिए जिससे कि आप थकेंगे नहीं। कुछ वर्षों के बाद आप बीते हुए दिनों के बारे में सोचेंगे तो उस सोच से एक नई ताकत व ऊर्जा का संचार खुद में महसूस करोगे। हमें अपनी सोच को सकारात्मक बनाकर ही कार्य करनी चाहिए।

आपके जीवन में हर पल न जाने कितने सामान्य लोग आपको बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान देते हैं हमें वैसी इंसान को पूरी दिल से महत्व देना चाहिए।आप भले ही किसी भी मुकाम पर पहुंच जाना किन्तु आप उन्हें कभी मत भूलना जो कभी भी आपके काम आये हो। किसी को दिल से मदद कर कर देखना जिसे सच में मदद की आवश्यकता हो। क्योंकि वैसे इंसान की मदद करने के बाद उसके चेहरे की खुशी देखकर आपकी अंतरात्मा तृप्त हो जायेगी। हमें किसी भी प्रकार का काम सौपा जाए तो उस कार्य को करने में हमें अपनी पूरी ताकत झोंक देनी चाहिए क्योंकि तब ही हम प्रतिस्पर्धा में विजयी हो पाएंगे। मैं तो आप से बस एक ही बात कहना चाहूंगा कि,क्या सोचते रहते हो आप? सिर्फ सोचने से ही कुछ नहीं होगा। उसको साकार करने के लिए ठोस योजना के साथ कार्य करना होगा।ध्यान रहे हमें कोई भी कार्य सकारात्मक सोच के साथ पूरी उम्मीद के साथ करनी चाहिए अपने उम्मीद को बनाए रखे यदि हौसला हारने लगे तो बस अपने आप से एक बात बार-बार कहना जब तक मेरे शरीर में आखरी सांस रहेगी तब तक उम्मीद नहीं छोरूँगा।

भाइयों धन की कमी से बड़ा संकट हैं उम्मीद की कमी इसलिए उम्मीद की कमी अपने आप में कभी नहीं होने देना। क्योंकि यदि आपके भीतर उम्मीद जिंदा है, तो आप किसी भी कार्य को करने की क्षमता रखते हो इसलिए अपने भीतर एक उम्मीद हमेशा जिंदा रखें। आपके पास उम्मीद है, तो ही जीवन में संभावनाओं पर चिंतन कर सकते हो। यदि उम्मीद ही नहीं रही तो संभावनाओं के जिंदा रहने का प्रश्न ही नहीं उठता है। इसलिए आप चाहे जितनी भी मुश्किलों से घिरे हो सदा याद रखना की दुनिया में कोई भी मुश्किल स्थायी नहीं होती है। अपनी उम्मीदें जिंदा रखें डटे रहें क्योंकि हर रात के बाद सवेरा होना निश्चित होता है। लेकिन एक बात को गाँठ बाँध ले कि बिना कार्य किये सिर्फ उम्मीद रखने से कोई हल नहीं निकलता है। इसलिए मैं आप से यह कहना चाहूंगा कि उम्मीद अवश्य रखिये परंतु अपनी उम्मीद को हकीकत में बदलने के लिए उतना कार्य भी कीजिए। यदि आप कार्य करते हैं तो उसका फल अवश्य ही प्राप्त होगी।

शेखर कुमार रंजन - बेलसंड, सीतामढ़ी (बिहार)

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