परिवर्तन ही जीवन है - लेख - शेखर कुमार रंजन

मुझे लगता है कि वैसे इंसान ज्यादा दुखी रहते है जो दूसरों के बारे में ज्यादा सोचते रहते हैं क्योंकि दूसरों के बारे में सोचने से सिर्फ तकलीफ़ मिलती हैं इसलिए हमें ज्यादा से ज्यादा समय खुद को देना चाहिए क्योंकि हम अपना ज्यादा समय जिसे देते हैं उसे उतनी ही अच्छी तरह जान पाते हैं और खुद को यदि अच्छी तरह जान गए तो दुनिया की कोई भी ऐसा काम नहीं जिसे हम नहीं कर सकते।

समय समय पर हमें खुद को टटोलने की आवश्यकता है खुद को पढ़ने की आवश्यकता है और फिर खुद को गढ़ने की। क्योंकि हम खुद से जितना ज्यादा प्रश्न करेंगे उतने ही ज्यादा हमें अपने बारे में पता चलेगा उम्मीद मानिये जीवन के सारे उत्तर आपके भीतर से ही पैदा होंगे। क्या आपने कभी सोचा है कि आपके जीवन के प्रमुख उद्देश्य क्या है? दुनिया से जाने के बाद आप किस रूप में याद किया जाना चाहेंगे। आपके अंदर कौन सी ऐसी प्रतिभा है, जो आपको भीड़ से अलग पहचान दे सकती हैं। 
भविष्य में आप अपने आप को किस मुकाम पर देखना चाहेंगे। मैं यही चाहता हूँ कि आज से ही आप एक परिवर्तन बस अपने आप में कर ले कि आज के बाद से हर दिन बीते हुए दिनों की तुलना में खास बनाएंगे जरा सोचिए कि क्या आपने आज ऐसा कोई गलत कार्य किया है, जिसे आपको नहीं करना चाहिए था। यदि आप को लगता हैं कि आप वैसे गलतियों को फिर दोबारा नहीं दोहराएंगे जो कभी अतीत में किया हो, तो यह भी आपका एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि हमें हमेशा अतीत की गलतियों से सीखने की जरूरत है साथ ही यह भी ध्यान दे कि हमे फिर से वे गलतियों को ना दुहराये और अपने आज को और अच्छी तरह से निखार पाएं। अब यह सोचिये की बीते हुए दिनों की तुलना में आज के दिन को ज्यादा खास कैसे बनाया जाएं और आज के दिन को खास बनाने के लिए आप क्या कर सकते है जरा सोचिए।

यदि जीवन में कुछ बड़ा करना है इतिहास रचना है, तो इस बात को कभी नहीं भूलियेगा की जीवन बनाने में एक प्रतिशत योगदान प्रेरणा का हैं जबकि निन्यानवे प्रतिशत योगदान आपके पसीनें का होता है हमें तपना चाहिए हमें मेहनत करनी चाहिए क्योंकि आप सभी भी सुने होंगे कि जो पानी में भींगता हैं वे लिबास बदलते हैं साथ ही जो पसीने से भींगता हैं वे इतिहास बदलते हैं इसलिए हमें मेहनत करने की आवश्यकता है हमें तपने की आवश्यकता है मुझे यह समझ नहीं आता कि आखिरकार लोग तपना क्यो नहीं चाहते संघर्ष क्यों नहीं करना चाहते हैं पसीना बहाना क्यों नहीं चाहते सीखने की प्रकिया पूरी क्यों नहीं करना चाहते वैसे सभी लोगों ने इतिहास रची हैं जिसने तपने की प्रकिया पूरी की है तो फिर इस प्रक्रिया को आप क्यो नहीं पूरा करना चाहते हैं। उम्मीद मानिये आप भी तपने की इस प्रक्रिया को पूरी करो आपको भी अवश्य ही सफलता मिलेगी जो भी चाहिए वो आप पा सकते हो आप भी इतिहास रच सकते हो।हमें कोई भी समस्या को कठिन समझकर टालना नहीं चाहिए क्योंकि हर चीज तब तक कठिन लगती हैं जबतक हम उसे अच्छे ढंग से नहीं कर पाते हैं और अच्छे ढंग से कुछ भी करने के लिए उसमें दिलचस्पी लेनी पड़ती हैं और हम जिस कार्य को दिलचस्पी लेकर करते हैं उसमें अवश्य ही सफलता हासिल करते हैं।

तो आज से ही यह बात गांठ बाँध लीजिए कि आप अपने मंजिल का चयन करें और पूरी दिलचस्पी से उस कार्य को करें और तब आप कब मंजिल पा लोगे पता भी नहीं चलेगा यह मुझे पता है।जब आप किसी उपलब्धि के लिए तपने को तैयार हो, तो वह उपलब्धि आपको हर हाल में मिलेगी ही तो अब आप तपने के लिए तैयार हो जाइए क्योंकि जीवन में कोई चीज सरलता से मिल जाती है, तो इंसान उसका सही मूल्य नहीं समझ पाते हैं वे जिस उपलब्धि के लिए संघर्ष करते हैं तपते हैं उसी का महत्व देते हैं तो मैं आशा करता हूँ कि आप भी अब तपने को तैयार हो गये हैं और अपनी मंजिल पाकर ही दम लोगे।

शेखर कुमार रंजन - बेलसंड, सीतामढ़ी (बिहार)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos