संदेश
प्रेम सूत्र - कविता - बृज उमराव
कच्चे मन की कोमल तह पर, कच्ची कलियों का हार मिला। परिपक्व प्राप्त के अवसर तक, इक सुन्दर उपहार मिला।। निखर पंखुरी ज्यों प्रातः, मधुमास …
गाऊँ कैसे प्रेम तराने - गीत - अभिनव मिश्र 'अदम्य'
टूट गया जब दिल का दर्पण, दर्द भरा गुज़रा है हर क्षण, याद कभी उसकी आती तो, पड़ते अश्रु बहाने। गाऊँ कैसे प्रेम तराने! पीड़ाओं से हृदय भरा ह…
तुम मुझे संरक्षण दो, मैं तुम्हें हरियाली दूँगा - कविता - पारो शैवलिनी
काटो और काटो और और काटो क्योंकि, कटना ही तो नियति है मेरी। अगर कटूँगा नहीं तो बटूँगा कैसे? कभी छत, कभी चौखट कभी खिडक़ी, कभी खम्भों क…
मंज़िल पाना है - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
बढ़ो सदा जीवन के पथ पर, हमें सुपथ मंज़िल पाना है। सदाचार संस्कार लेप मन, सत्य रथी रथ पर चढ़ना है। त्याग तपोबल न्याय निष्ठ बन, आगत …
यादें बचपन की - कविता - हरदीप बौद्ध
जब हम बच्चे थे, वो पल बहुत अच्छे थे। रो-रोकर स्कूल को जाते, हँसते हुए वापस आते। होता था अवकाश जिस दिन, खेल-कूद में सारा दिन बिताते। खो…
तुम और सुंदर लगती हो - कविता - केशव झा
तुम और सुंदर लगती हो पैरों में पायल पहन कर जब झींगुर की सुर में सुर मिलाती हो। अकेली रात में छत पर चाँद को निहारती हो तो तुम और सुंदर …
हर इक शख़्स को क़िस्मत नवाबी नहीं मिलती हैं - ग़ज़ल - धर्वेन्द्र सिंह
अरकान: फ़ऊलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन मुफ़ाईलुन तक़ती: 122 1222 122 1222 हर इक शख़्स को क़िस्मत नवाबी नहीं मिलती, यहाँ ज़िंदगी सबको गुलाबी नही…
कविता भावनाओं का शृंगार है - कविता - मधुस्मिता सेनापति
कविता शब्दों का मायाजाल नहीं, भावनाओं का शृंगार है। कविता वर्णों का भार नहीं, मानव हृदय की आवाज़ है।। कविता सूखे पड़े ज़मीन पर बरसात की …
बनी बेटियाँ शान देश की - लावणी छंद - महेन्द्र सिंह राज
बनी बेटियाँ शान देश की, जिनने मान बढ़ाया है। भारत का हर बच्चा बच्चा, गीत ख़ुशी के गाया है।। कोई आसमान में उड़ती, कोई जीती स्वर्ण पदक। …
चाय की चुस्की - कविता - रतन कुमार अगरवाला
चाय की चुस्कियाँ काली ज़रूर होती है, पर बात काले और सफ़ेद के फ़र्क़ की नही जनाब, चाय की चुस्कियाँ होती बड़ी ही मस्त अलमस्त है। चाय में जो …
दरियादिली - ग़ज़ल - महेश 'अनजाना'
अरकान: फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन तक़ती: 212 212 212 जो दरियादिली दिखा जाते हैं, इंसानियत भी निभा जाते हैं। हर किसी का तो अक्स याद नहीं, एक आ…
सफ़र से हमसफ़र - कहानी - अंकुर सिंह
ये सीट मेरी है, विजयवाड़ा स्टेशन पर इतना सुनते अमित ने पीछे मुड़कर देखा तो एक हमउम्र की लड़की एक हाथ में स्मार्ट फोन और दूसरे हाथ में …
लड़की हूँ मैं - कविता - दिव्यांशी निषाद
उलझे हुए मिज़ाज की सुलझी हुई लड़की हूँ मैं। जवाब-तलब करू तो दुनिया के लिए भड़की हूँ मैं। अपने लक्ष्य को पाने की ज़िद्दी हूँ मैं। ज़िंदगी …
कुछ जाने अनजाने रिश्ते - कविता - रमाकांत सोनी
कुछ जाने अनजाने रिश्ते, कुछ दिल से पहचाने रिश्ते। कुछ कुदरत ने हमें दिया है, कुछ हमको निभाने रिश्ते। रिश्तो की पावन डगर पर, संभल स…
सावन पर भी यौवन - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
छमछम छमछम नाची है बरखा, झम झम बरसे रे पानी। देखो मिलन की रुत आई है, लिखने को प्रेम कहानी। मधुबन भी है मदहोशी में डूबा, नाचे है मोर दीव…
भूख - कहानी - पुश्पिन्दर सिंह सारथी
सुरेश सब्ज़ी लेने बाज़ार जाता है तो रास्ते मे देखता है कि सड़क किनारे एक महिला अपने बच्चे को गोद मे लिए परेशान बैठी है। सुरेश को रहा नहीं…
नव सृजन करो तुम - कविता - कमला वेदी
ख़ामोशी की तह में सिमट कर ना गुज़ारो ज़िंदगी, ग़ुंचा ग़ुंचा दिल खोलकर पुष्पों की तरह खिलो तुम। हँसते, गाते, खिलखिलाते अनमोल पलों को समे…
सावन - दोहा छंद - दीपा पाण्डेय
धरती माँ दिखला रही, सबको अपना रूप। सावन में बरसात का, होता यही स्वरूप।। नदियों की गति तीव्र है, जाओ कभी न पास। जाने कितने बह गए, थे जो…
शान्ति की तलाश - कविता - डॉ. रवि भूषण सिन्हा
ढूँढता रहा इधर से उधर, पनाह शान्ति का। ढूँढते-ढूँढते तन्हा रह गया, पर पता नहीं कहीं शान्ति का।। किसी ने कहा वन में जाओ, शायद मिलेगी वह…
किसी क़ीमत पे मेरा प्यार यूँ ज़ाया नहीं होता - ग़ज़ल - सुखवीर चौधरी
अरकान: मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन तक़ती: 1222 1222 1222 1222 किसी क़ीमत पे मेरा प्यार यूँ ज़ाया नहीं होता, मुझे दुनिया के लोगों …
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