गाऊँ कैसे प्रेम तराने - गीत - अभिनव मिश्र 'अदम्य'

टूट गया जब दिल का दर्पण,
दर्द भरा गुज़रा है हर क्षण,
याद कभी उसकी आती तो, पड़ते अश्रु बहाने।
गाऊँ कैसे प्रेम तराने!

पीड़ाओं से हृदय भरा है,
अंतर्मन का घाव हरा है,
कैसे लिखें प्रेम परिभाषा, झूठे जब अफ़साने।
गाऊँ कैसे प्रेम तराने!

विपदाओं की विषम घड़ी है,
इच्छाएँ सब शिथिल पड़ी हैं,
मौन हुए हैं शब्द हमारे, दूर हुईं मुस्काने।
गाऊँ कैसे प्रेम तराने!

अंतस से बस आह निकलती,
धड़कन भी अब रुक-रुक चलती,
ग़म सहना भी मुश्किल है अब, बन्द पड़े मयख़ाने।
गाऊँ कैसे प्रेम तराने!

अभिनव मिश्र 'अदम्य' - शाहजहाँपुर (उत्तर प्रदेश)

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