बनी बेटियाँ शान देश की - लावणी छंद - महेन्द्र सिंह राज

बनी बेटियाँ शान देश की, जिनने मान बढ़ाया है। 
भारत का हर बच्चा बच्चा, गीत ख़ुशी के गाया है।।
कोई आसमान में उड़ती, कोई जीती स्वर्ण पदक।
फिर भी नारी हालत देखो, सबको रोना आया है।।

लक्ष्मीबाई दुर्गा तक ने, भारत ख़ातिर जान दिया।
इस धरती पर धर्म राज हो, नारी को सम्मान दिया।।
बनी बेटियाँ शान देश की आज समझ में आया है।
और यहाँ तक जाने ख़ातिर, कितनों ने बलिदान दिया।।

इस धरती से देव लोक तक, नारी आगे रहती है। 
हमारी वैदिक संस्कृति भी, यही सदा से कहती है।।
धर्म परायण बने सभी जन, मिथ्या से सब दूर रहें।
बनी बेटियाँ शान देश की, संस्कारों को गहती है।।

मात पिता की मान बेटियाँ, जो समष्टि की वाहक हैं।
बेटी फँसती गर संकट में, लोलुप उसके ग्राहक हैं।।
जो माता बहना बेटी बन, संतुलन बनाती भू पर।
बनी बेटियाँ शान देश की, गोर संस्कृति डाहक है।।

महेन्द्र सिंह राज - चन्दौली (उत्तर प्रदेश)

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