संदेश
बीमारी - कविता - विनय विश्वा
बीमारी में शरीर चारों खाने चित्त हो जाती है बस आत्मा रहती है विचार धीरे धीरे सुप्त होने लगती है जितना अब तक जीवन जिया है उसका पुनर्चक…
शाश्वत दीप - कविता - संजय राजभर 'समित'
मेरे अंदर एक मोम है जो जलता है जलते-जलते एक दिन बुझ जाता है फिर जन्म लेता है फिर यही प्रक्रिया– हमेशा जलता रहे तो चलना पड़ेगा समझना पड…
कविता! तुम सबसे सुंदरतम - कविता - राघवेंद्र सिंह
निरुपम सृष्टि का सृजनहार, सौन्दर्य रोह तुम हो अनुपम। स्वरबद्ध, अलंकृत, छंदयुक्त, कविता! तुम सबसे सुंदरतम। तुम भावों का परिधान पहन, लगत…
जीवन - कविता - सिद्धार्थ गोरखपुरी
तन में है अगन जीने की, इच्छा का तिल-तिल मरना। सत्य-पोश लोगों का, यूँ पल-पल रोज़ बदलना। कहा-सुना सब त्यागे? और ख़ुद से कहना सीखें। जीवन क…
मेरी रख लो लाज मुरारी - कविता - अशोक योगी
मेरी रख लो लाज मुरारी, मैं चरणों की दासी हूँ थारी। पुष्प फलम् हैं न नैवेद्य, किस विध पूजा करूँ मैं थारी। समा लो मुझको तुझमें हे श्…
कृष्ण सुमंगल गान हैं - गीत - सुशील शर्मा
कृष्ण मधुर हैं कृष्ण सुवासित कृष्ण सुमंगल गान हैं। कृष्ण हैं जीवन कृष्ण जगत मन कृष्ण सर्व सम्मान हैं। कृष्ण यशोदा नन्द दुलारे नटखट…
क्यों नहीं कान्हा हमारे पास आते हो - गीत - सुशील कुमार
क्यों नहीं कान्हा हमारे पास आते हो। प्रेम की वंशी अधर से ना बजाते हो॥ राह मे जो तुम कभी माखन चुराते थे, साँझ के ढलते कभी वंशी बजाते…
जन्माष्टमी - कविता - डॉ॰ रेखा मण्डलोई 'गंगा'
भादो मास अष्टमी का दिन आया, पुष्प मालाओं से घर द्वार सजाया। जन्मदिवस मेरे कान्हा का आया, सबके मन में उमंग भर लाया। माखन चोर बनकर जो आय…
कृष्णमय जीवन - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
कृष्णमय जीवन की बोली, कूक रही कलाई की मोली। मीरा का प्याला, विरह की हाला। राधा की प्रतीक्षा, उद्धो की शिक्षा, गोपियों की अभीप्सा…
ब्रज का राज दुलारा - गीत - कमल पुरोहित 'अपरिचित'
इठलाए मैया की गोदी, ब्रज का राज दुलारा। ऐसा दृश्य मनोहर था, लगा आँख को प्यारा॥ चोरी-चोरी चुपके-चुपके, माखन खाते जाते, टुकुर टुकुर मै…
कृष्ण - गीत - उमेश यादव
प्रेम मगन मनमोहना, छवि प्रभु की प्यारी। दूर करो कष्ट सोहना, केशव गिरधारी॥ पग ठुमक ठुमक प्रभु चलिहें। पद नूपुर छूमक करि बजिहें॥ मन …
मैं कान्हा बोल रहा हूँ - कविता - अनूप अंबर
लोग मुझे कहते हैं कान्हा मुरलीधर श्याम, लेकिन मेरा जीवन था बिल्कुल न आसान। जन्म से पहले मेरी, मृत्यु के विधान बने, मेरे ख़ुद के मामा, म…
अंशुमाली उन्हीं की चरण वंदना है - कविता - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
प्राण फूँके हैं जिसने सघन चेतना के, अंशुमाली उन्हीं की चरण वंदना है। कलम को पकड़ कर अक्षर बनाए, फिर वर्णमाला जिसने सिखाई। पास में बैठ …
गुरु - कविता - विनय विश्वा
गुरु वहीं जो ज्ञान बताए भटके हुए को राह दिखाए जीवन मिले ना फिर ये कभी हर मोड़ पर जीवटता सिखाए गुरु वहीं जो ज्ञान बताए मुर्दे में भी जा…
शिक्षक - कविता - सूर्य प्रकाश शर्मा
बिना शिक्षकों के, कैसे होता इतिहास हमारा? क़दम-क़दम पर शिक्षक द्वारा लिखा अतीत ये सारा॥ शिष्य, शिक्षकों के निर्देशों पर जब पग-पग चलते।…
एक शिक्षक होना कहाँ आसान है - कविता - सुशील शर्मा
शिक्षक सिर्फ़ शिक्षक नहीं होते वो होते हैं जिन्न वे एक साथ कई भूमिकाएँ निभाते हैं। जब खिलखिलाते हैं तब वे होते हैं मित्र डाँटते हैं तो …
गुरु - कविता - इन्द्र प्रसाद
गुरुदेव तब वाणी अमृत समान है। यही कहती है गीता कहता कुरान है॥ ऐसा नहीं कोई जिसका गुरु न हो, गुरुदेव के बिना जीवन शुरू न हो। पहली ग…
शिक्षक और समाज - कविता - गणेश भारद्वाज
राष्ट्र को आशाएँ हैं मुझसे, खरा उन पर उतरना है मुझे। ढाँचा जो हो चुका है जर्जर, धीरे-धीरे कुतरना है मुझे। मुझे करना है निर्माण सभ्य सम…
शिक्षक की कलम से - कविता - राजेश 'राज'
बच्चों तुम विश्वास जगाओ, तुम ही भविष्य के फल हो। बोस, खुराना तुम में छिपे हैं, कल के न्यूटन तुम्ही प्रबल हो। अंतस में उम्मीदें बोक…
गुरुजी को नमन - कविता - जयप्रकाश 'जय बाबू'
मनुज श्रेष्ठ मुझमें बसाने की ख़ातिर ख़ुद को दिए सा जलाते है वो हम सबको गुरुतर बनाने की ख़ातिर नई राहें हर पल दिखाते है जो माटी से मूरत ब…
शिक्षक दिवस - कविता - पुनेश समदर्शी
शिक्षक दिवस पर प्यारे बच्चों देना ये उपहार, जातिवाद से ऊपर उठकर करना मानव व्यवहार। छुआछूत और भेदभाव में कभी नहीं उलझना, मानव-मानव एकसम…
शिक्षक - कविता - देवेंद्र सिंह
गुरुओं को सत सत है प्रणाम, शिक्षक का भी अभिनन्दन है। राह दिखाते हैं सबको, उन महामहिम का वंदन है॥ बिन शिक्षक ज्ञान सदा सूना, उपमा …
मैं शिक्षक निर्माणक हूँ - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
शिक्षण हेतु बना मैं शिक्षक, नीति रीति पथ परिपोषित हूँ। नव जीवन नवयुग आधानक, मैं नित शिक्षक निर्माणक हूँ। विनयशील हो त्याग समन्वित नवयु…
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