कृष्णमय जीवन - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा

कृष्णमय जीवन - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा | Shri Krishna Kavita - Krishnamay Jeevan - Hemant Kumar Sharma. श्री कृष्ण पर कविता
कृष्णमय जीवन की बोली, 
कूक रही कलाई की मोली। 

मीरा का प्याला, 
विरह की हाला। 
राधा की प्रतीक्षा, 
उद्धो की शिक्षा, 
गोपियों की अभीप्सा, 
कृष्ण की उपेक्षा। 
सब रहस्य सब संदेश, 
कहे माखन चोरी की टोली। 

कृष्ण से सारथी, 
धन्य मॉं भारती। 
दूत भी अद्भुत, 
ज्ञान भी प्रबुद्ध। 
प्रकट विराट आकार में, 
प्रकट गीता के सार में, 
प्रकट कर्मयोग के आधार में। 
व्यर्थ दर्शन की हट करते, 
भीतर ना देख केवल रट करते। 
बाँसुरी की वेदना, 
वन की निरवता में, 
बलराम के हल में खोली। 

हेमन्त कुमार शर्मा - कोना, नानकपुर (हरियाणा)

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