जन्माष्टमी - कविता - डॉ॰ रेखा मण्डलोई 'गंगा'

जन्माष्टमी - कविता - डॉ॰ रेखा मण्डलोई 'गंगा' | कृष्ण जन्माष्टमी पर कविता | Hindi Kavita - Janmashtami | Hindi Poem On Krishna Janmashtami
भादो मास अष्टमी का दिन आया,
पुष्प मालाओं से घर द्वार सजाया।
जन्मदिवस मेरे कान्हा का आया,
सबके मन में उमंग भर लाया।
माखन चोर बनकर जो आया,
उसे मिश्री माखन का भोग लगाया,
बाँसुरी की धुन ने सबका मन हर्षाया,
निश्चल प्रेम का जिसने पाठ पढ़ाया,
ऐसे मनमोहन का आज जन्मदिन आया।
मथुरा में अलौकिक आनंद छाया।
देवकी वासुदेव का लाल आया,
यशोदा के आँगन में ख़ुशियाँ लाया।
क्रूर कंस का काम तमाम करने आया,
युग प्रवर्तक बन उद्धारक आया।
अर्जुन का सारथी, मार्गदर्शक आया,
अधर्म पर धर्म की विजय ले आया।
गीता के ज्ञान की गंगा को बहाया,
कर्म की प्रधानता का पाठ पढ़ाया।
चारों ओर मस्ती का आलम छाया,
जन्माष्टमी उत्सव का दिन आया। 

डॉ॰ रेखा मंडलोई 'गंगा' - इन्दौर (मध्य प्रदेश)

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