मैं शिक्षक निर्माणक हूँ - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'

मैं शिक्षक निर्माणक हूँ - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | Teachers Day Geet - Main Shikshak Nirmaanak Hoon. शिक्षक पर हिंदी गीत कविता
शिक्षण हेतु बना मैं शिक्षक, नीति रीति पथ परिपोषित हूँ।
नव जीवन नवयुग आधानक, मैं नित शिक्षक निर्माणक हूँ।
विनयशील हो त्याग समन्वित नवयुग का नूतन वीक्षक हूँ। 
नवजातों अरु नवांकुरों के, नवजीवन रच संरक्षक हूँ।
सिंचन वर्धन ज्ञानामृत से, सुयोग्य सुपात्र निर्माणक हूँ।
पुराकाल गुरुकुल से लेकर, विद्यार्थी और शिक्षक भी हूँ।
नवयुगीन शिक्षा पद्धति तक, लक्ष्य सर्वदा शिक्षण भी हूँ।
तमसो मा ज्योतिर्मय गमय जग में आलोक जगाया हूँ।
सदाचार नित सद्विचार का भविष्यार्थ ज्ञान पिलाया हूँ।
अर्थनीति सह धर्मनीति का, ज्ञानामृत पान कराया हूँ।
सदियों से लेकर अबतक हम, सारस्वत विहार कराया हूँ।
ज्ञानक्षीर व विवेक नीर से, विद्यार्थी हंस बनाया हूँ।
गोविन्द श्रेष्ठ बन नवयुग को, सुरभि चारु पुष्प सजाया हूँ।
सुखद समुन्नत यश सौरभ से, नित गन्धमाद रच पाया हूँ।
नवपीढ़ी को नवनीत बनाकर, भारत गौरव गुण गाया हूँ।
सदा निरत बन परहित शिक्षक, विद्यार्थी जीवन गायक हूँ।
बुद्धिमान और बुद्धि विशारद, शिष्य संस्कार दे पाया हूँ।
शुक्र, धौम्य, कृप, गुरु, संदीपनि, त्याग सदा गुरु पद पाया हूँ।
वशिष्ठ, भृगु, रत्नाकर, गौतम, संघर्षक गुरु बनपाया हूँ।
राम, कृष्ण व पार्थ महार्णव, इतिहास पुरुष निर्माणक हूँ।
प्रकृति सिद्ध चरित्र मनभावक, गुण त्याग शील सत्प्रेरक हूँ।
श्रावक नायक शुद्ध विनायक, पथ सार्थवाह दिग्दर्शक हूँ।
सदा समादृत सामाजिक में, युगपरिवर्तक शुभ शिक्षक हूँ।
ज्ञानामृत बन चरणामृत को, विद्यार्थी पान कराया हूँ।
सतत विचारक मानक उद्यम, सुन्दर जीवन रत्नाकर हूँ।
देश काल जन भाग्य विधायक, अरुणिमा भोर कुसुमाकर हूँ।
दिग्दर्शक जन भावन अनुपम, यायावर वाहक शिक्षक हूँ।
किन्तु आज मैं बदल गया यूँ, भौतिकता पथ संवाहक हूँ।
मैं शिक्षक हूँ वरदान ईश, गुरुदेव मानो इल्मकार हूँ।
सप्तसिन्धु विज्ञानक नवरस, दशा दिशा मनुज परिवर्तक हूँ।
नवयुग का निर्माणक सत्पथ, आदर्श पुरुष बन छाया हूँ।
यायावर ईमान सत्य पथ, आलोकित गुरुता पाया हूँ। 


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