कृष्ण सुमंगल गान हैं - गीत - सुशील शर्मा

कृष्ण सुमंगल गान हैं - गीत - सुशील शर्मा | Lord Krishna Geet - Krishna Sumangal Gaan Hain - Sushil Sharma. श्री कृष्ण पर गीत
कृष्ण मधुर हैं कृष्ण सुवासित 
कृष्ण सुमंगल गान हैं। 
कृष्ण हैं जीवन कृष्ण जगत मन 
कृष्ण सर्व सम्मान हैं।

कृष्ण यशोदा नन्द दुलारे 
नटखट बाल रूप अवतार। 
कृष्ण गोपियों के हैं प्यारे 
कृष्ण मित्रता के आधार। 
गिरिवर के धारक हैं मोहन 
सत्यस्वरूप महा गिरिराज। 
ब्रजमंडल के पालन कर्ता 
कृष्ण आत्म के हैं अधिराज। 

कृष्ण समर्पण जीवन सुख हैं 
कृष्ण ब्रह्म अवधान हैं। 

कृष्ण भाद्रपद अष्टम प्रकटे 
परम ब्रह्म रासेश्वर रूप 
शीतल कमल सुगंध अमिय मय 
दिव्य ज्योतिमय रूप अनूप 
मंगल गान नन्द गृह गूँजें 
बजे बधाई गोकुल धाम। 
रोली कुंकुम चौक पुरे हैं 
प्रकटे कृष्ण और बलराम। 
 
पलना में झूलें दो भाई 
नंद नदन मधु गान हैं। 

हँसति लसति सखि मटकी धारें 
माखन चोर कृष्ण मुस्कात। 
मारे कंकड़ मटकी फोड़ी,
लिपटे विमल मनोहर गात। 
नन्द को लाल दही में लिपटो 
गोकुल गलियाँ दौड़ो जात। 
माखनमय मोहन मुख प्यारा 
हलरावै दुलरावै मात। 

गउओं का वो है रखवाला 
गोपालक मधुमान है। 

कृष्ण समन्वय कृष्ण प्रतिष्ठा 
कृष्ण नीति है जन आधान। 
कृष्ण प्रेम हैं कृष्ण आचरण 
कृष्ण विज्ञ तम हैं विज्ञान। 
कृष्ण मनोरथ कृष्ण भगीरथ 
कृष्ण अलौकिक ब्रह्म विचार। 
कृष्ण मनोमय कृष्ण जीवमय 
कृष्ण चेतना के आधार। 

कोटि कोटि ब्रह्मांड विनायक 
मोहन अंतिम ज्ञान हैं।

सुशील शर्मा - नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)

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