संदेश
मिहिर! अथ कथा सुनाओ (भाग १०) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
(१०) बता मिहिर! तत्काल, पलामू राज कहानी। गद्दी हेतु बवाल, मचा था क्यों बेमानी? अंग्रेजों से हाथ, मिलाया किसने बोलो? चेरो सेना साथ,…
जीवन संकल्प - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
जीवन भी एक संकल्प है अगर इसे मानवता के दायरे में रखकर जिया जाये तो जीवन सफल होगा सार्थक होगा, अन्यथा तो कीड़े मकोड़े भी जीते हैं अपने कु…
ग़ज़ल-जल - गीत - राम प्रसाद आर्य
ज्यों-ज्यों पढ़ी, ग़ज़ल आपकी, नेत्र त्यों-त्यों सजल मेरे होते गये। ख्याल ही ख्याल में हम यों खोते गये, आगे पढ़ते गये, और रोते गये।। श…
धरोहर - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
हम सबके लिए हमारे बुजुर्ग धरोहर की तरह हैं, जिस तरह हम सब रीति रिवाजों, त्योहारों, परम्पराओं को सम्मान देते आ रहे हैं ठीक उसी तरह बुज…
श्रीलंका की एक लड़की - कविता - प्रवीन "पथिक"
तेरी हस्त लेखनी से खुदे, तमिल भाषा में मेरा नाम; मेरी पुस्तक के आवरण पृष्ठ पर; आज भी सजीव है। जब भी देखता हूँ, उन स्वर्णाक्षरों को…
आशा का दीप - कविता - अन्जनी अग्रवाल "ओजस्वी"
आशा का दीप जलाये रखना। मुस्कुराते हुए जिंदगी में आगे बढ़ना। बिन आशा होता जीवन फीका।। उम्मीद से ही मानव है जीता।। हौसला व उम्मीद को बन…
अतीत भी अधूरी वर्तमान भी अधूरा - डायरी - शेखर कुमार रंजन
दिल मचल गया था यार वो इतनी चंचल जो थी छोटी छोटी बातों पर उसका खिलखिलाकर हँस उठना मेरे दिल में उसके लिए प्यार का एक आनन्दमय अहसास पल गई…
प्रेम का पैगाम देना चाहता हूँ - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
मैं एक पतंगा हूँ , दीप की लोह पर जलना चाहता हूँ । अपने अटूट प्यार में , सर्वस्व मिटाना चाहता हूँ । जल की बूँद सागर में , उसी तरह मिल …
इश्की बचपन - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
वह इश्क गज़ब था बचपन का, ज़ज़्बात विलग मासूम निरत, कोमल तन हर्षित पुलकित मन, निश्छल गंगा सम पावन था। चंचल उत्साहित बचपन का, उद…
मिहिर! अथ कथा सुनाओ (भाग ९) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
(९) देंगे नहीं लगान, चुआड़ों ने हुंकारा। चाहे जाए जान, हमें न लगान गवाँरा। तीर-धनुष के संग, विरोधी निकले घर से। मचा दिए हुड़दंग, रहे चुप…
कमांड एक - कविता - गणपत लाल उदय
हम तो है सी आर पी एफ जवान डयूटी करते सब मिलकर कमांडेंट मेरे एन्थोनी जोन्सन नहीं देते किसी को भी टेन्सन ।। डयूटी लेते है वो सबसे सम…
वक्षस्थल - कविता - तेज देवांगन
सब घूरते, मेरे तन बदन, घूरते चेहरे, घूरते नयन। घूरते मेरे तिल तिल चाल को, घूरते मेरे काले घने बाल को। घुरकर मेरी काया, क्या तुमने कुछ …
ज़िंदगी - कविता - आर एस आघात
हुआ जन्म जब घर मैं आया... खुशी मनाई घर आँगन हर्शाया... सब अपने यूँ लगे फ़िक्र से, घर-बाहरवालों का भी मन मुस्काया। क्या यही है ये जिंदगी…
अपनों का साथ - कविता - पुनेश समदर्शी
साथ अगर हो अपनों का, ये सौगातें क्या कम हैं, खुशियाँ दूनीं हो जातीं, साथ में तुम और हम हैं। रिश्ता लम्बा रखना हो तो, सच ही सच तुम बो…
काश वो दिन लौट आए - कविता - विकाश बैनीवाल
काश वो दिन फिर लौट आए, बंधन मुक्त मिलकर ख़ुशी मनाए। जल्द बीमारी से छुटकारा मिले, कि समूह में बैठकर गीत गाए। काश वो दिन फिर लौट आए, …
वीरों की अमर कहानी - कविता - आशाराम मीणा
जब जब युवा नए अरमानों की और बढ़ते हैं। इतिहास गवाह है कागज के पन्ने छोटे पड़ते है।। मंजिल कदम छूती हैं हँस हँस कर उस परिंदे के। जिस…
मिहिर! अथ कथा सुनाओ (भाग ८) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
(८) उदित हुए दिनमान, उषा खिल के मुस्काई। कोयल छेड़ी तान, क्षितिज में लाली छाई।। ममता कहे जोहार! मिहिर को शीश झुकाकर। अब कहो सविस्तार, क…
युद्ध अभी शेष है (भाग ६, आखिरी भाग) - कहानी - मोहन चंद वर्मा
समय गुजरता गया। महामारी कम होती चली गई। रात से दिन और दिन से रात होती चली गई। तपते सूरज की गर्मी थी। पतझड का मौसम फिर धूल भरी आंधी थी।…
किसान आरती - गीत - समुन्द्र सिंह पंवार
तेरी जय हो अन्न के दाता । तु सबकी भूख मिटाता ।। दिन-रात तु पसीना बहावै , सबकी खातर अन्न उगावै , और खुद भूखा सो जाता । तेरी जय हो…
मोक्ष धाम पावन भूमि है - कविता - रमाकांत सोनी
अटल सत्य जीवन का मृत्यु, पहले तुम स्वीकार करो, मोक्ष धाम पावन भूमि है, इस भूमि से प्यार करो। सत्कर्मों को प्रेरित करती, कड़वा सच बता…
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