किसान आरती - गीत - समुन्द्र सिंह पंवार

तेरी जय हो अन्न के दाता ।
तु सबकी भूख  मिटाता ।।


दिन-रात तु पसीना बहावै ,
सबकी खातर अन्न उगावै ,
और खुद भूखा सो जाता ।
तेरी जय हो अन्न के दाता ।।


लू चालो चाहे पड़ो जी पाला ,
करता कोन्या खेत का टाला ,
ना तु  छुट्टी कोय  मनाता ।
तेरी जय हो अन्न के दाता ।।


तन पै कोन्या तेरै वस्त्र ,
टोटे के तेरै लागे नश्तर ,
तु फेर भी ना  घबराता ।
तेरी जय हो अन्न के दाता ।।


टूटे-फूटे  घर मैं  रहता ,
सारी जिंदगी दुखड़े सहता ,
रहै फेर भी तु मुस्कराता ।
तेरी जय हो अन्न के दाता ।।


तेरे तै बढ़कै और ना दूजा ,
समुन्द्र सिंह करै तेरी पूजा ,
तेरे  चरणां शीश झुकाता ।
तेरी जय-जय अन्न दाता ।।


समुन्द्र सिंह पंवार - रोहतक (हरियाणा)


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