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माँ कूष्मांडा - गीत - उमेश यादव
आदिस्वरुपा माँ कूष्मांडा, सृष्टि धारक पालक हो माता। रोग शोक का अंत करो माँ, सिंहवाहिनी भगवती माता॥ अष्टभुजा हे आदिशक्ति माँ, निज स्…
माँ नव दुर्गा पचासा - चौपाई छंद - सुशील कुमार
दोहा:- मातु पिता गुरु नाय सिर, प्रथम मनाय गणेश। कारज आय सॅंवारिए, बह्मा, विष्णु, महेश॥ जय जय माँ जगदम्बिका, करो कंठ में वास। कीरति गाऊ…
जय माता दी वन्दना - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
शुक्ला आश्विन मंगला, शारदीय त्यौहार। नव दुर्गा आराधना, कीर्ति मिले सुख सार॥ अभिनन्दन स्वागत करें, नवरात्रि त्यौहार। पूजन नित नवशक्त…
माँ ब्रह्मचारिणी - गीत - उमेश यादव
ब्रह्मचारिणी हे माँ दुर्गे, तप करने की शक्ति दो। ज्योतिर्मयि हे मातु भवानी, चरणों में अनुरक्ति दो॥ विश्व रचयिता हे जगदम्बा, सारे विद…
सिंह चढ़ के आई दुर्गा - गीत - कमल पुरोहित 'अपरिचित'
सिंह चढ़ के आई दुर्गा गीत मंगल बज रहा। घर गली चौराहों पर मंडप तेरा माँ सज रहा॥ शांत कोमल रूप माँ का शांति देकर जाएगा। सारे ब्रह्मांड…
शुभे कूष्माण्डा जय हो - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
करें सुमंगल जग जन गण मन कूष्माण्डा माँ, कोरोना दावानल रिपु जग तारिणि जय हो। छल प्रपंच लिप्सा मिथ्या बन्धन अभिशापी, राग शोक परिताप व्यस…
हे आदि सिंह वाहिनी! - कविता - राघवेंद्र सिंह | माँ चंद्रघंटा पर कविता
हे आदि सिंह वाहिनी! सुगंध दिव्य दायिनी। दिवस तृतीय रूप तुम, हो शक्ति का स्वरूप तुम। हो मातु तुम ही रक्षिका, हो दुष्ट-दैत्य भक्षिका। हो…
हे मातु ब्रह्मचारिणी! - कविता - राघवेंद्र सिंह
नमः नमः विहारिणी, हे मातु ब्रह्मचारिणी! दिवस द्वितीय पूजिता, हो मंत्रध्वनि हो कूजिता। है श्वेत ये मुखाकृति, स्वरूप सौम्य स्तुति। हो त्…
नवरात्रि - कुण्डलिया छंद - सुशील कुमार
माता दुर्गा का लगे, तीजा रूप महान। अर्धचंद्र है भाल पर, चंद्रघंटा सुजान॥ चंद्रघंटा सुजान, भुजा दस सोहे माँ के। मिट जाते सब पाप, करे दर…
नवरात्रि - कविता - शेखर कुमार रंजन
दाएँ हाथ त्रिशूल लेकर, बाएँ हाथ कमल के फूल, बेटा के घर हर्ष से आना, जाना ना मइया तू भूल। बाएँ हाथ कमंडल रखना, दाएँ हाथ में माला, सर पर…
शैलपुत्री - कविता - डॉ॰ सरला सिंह 'स्निग्धा'
प्रथम वन्दित हैं शैलपुत्री, गाते गुण कर जोड़े चारण। बाएँ हाथ में कमल पुष्प, पार्वती माँ का नाम दूजा। खाली नहीं मनोरथ जाए, जिसने है मात…
हे हिमसुता! हे शैलजा! - कविता - राघवेंद्र सिंह | प्रथम शक्ति स्वरूपा माँ शैलपुत्री पर कविता
हे हिमसुता! हे शैलजा! हो पूज्य तुम प्रथम सती। हो श्वेत वस्त्र धारिणी, दिवस प्रथम है स्तुति। हो रात्रि नव में तुम प्रथम, दिवस प्रथम करे…
नवरात्रि की धूम - गीत - रविंद्र दुबे 'बाबु'
देखो-देखो रे नाचे मोर मैं भी नाचूँगी... देखो देखो रे नाचे मोर मैं भी नाचूँगी... नवरात्रि की धूम मची हैं करते नमन हम सब जन थाल सजा के…
नवरात्रि महापर्व - कुण्डलिया छंद - शमा परवीन
मनभावन पावन लगा, नवरात्रि महा पर्व। करते आएँ हैं सदा, हम सब इस पर गर्व॥ हम सब इस पर गर्व, चेतना नई जगाएँ। रख कर नौ उपवास, मातु को शीश …
आदिशक्ति के नौ रूप - गीत - सिद्धार्थ गोरखपुरी
आदिशक्ति के नौ रूपों का, इस नवरात्रि में स्वागत है। माँ दुर्गा की पूजा को आतुर, सारा जहाँ और भारत है। नारी शक्ति को संबल देकर माँ ने म…
नमन तुझे माँ अम्बिका - कविता - राघवेंद्र सिंह
हिन्दू वर्ष का प्रथम, वह चैत्र मास आ गया। है आ गई बसंत ऋतु, कुसुम पलाश आ गया। बुला रहे नयन तुझे, तू आ मेरी माँ चंद्रिका। नमन तुझे मा…
नव शक्ति स्वरूपा - कविता - सोनल ओमर
नौ दिन में नौ रूपों का आवाहन करूँ, नव शक्ति स्वरूपा का मैं बखान करूँ। प्रथम शैलपुत्री अपार शक्ति धारिणी, परब्रह्म स्वरुप दूसरी ब्रह्म…
माता की जयकार - दोहा छंद - डॉ॰ राजेश पुरोहित
माता तेरे रूप की, महिमा बड़ी अपार। जो जन पूजे आपको, करती बेड़ा पार।। नव रूपों में सज रही, मैया मेरी आज। जयकारे मन से लगे, दिल में बजते स…
माई के मन्दिरवा भीतर - लोकगीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
मगिहौं वरदान माई के मन्दिरवा भीतर। 2 गइहौं गुनगान देवी के मन्दिरवा भीतर। 2 सोना न मगिहौं चाँदी न मगिहौं, घोड़ा न मगिहौं गाड़ी न मंगिहौ, …
स्वीकारो माँ वन्दना - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
करें मातु नित वन्दना, माँ दुर्गा नवरूप। ब्रह्मचारिणी शैलजा, जनता हो या भूप।। ज्ञान कर्म गुण हीन हम, क्या जाने हम रीति। मातु भवानी कर क…
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